

रायपुर। नवरात्रि की नवमी पर राजधानी रायपुर पूरी तरह भक्तिमय माहौल में डूबी रही। जगह-जगह सजाए गए भव्य दुर्गा पंडालों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। मां दुर्गा की आराधना, जयकारों की गूंज और भंडारे की सुगंध से वातावरण पावन हो उठा। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ केबल ऑपरेटर संघ के अध्यक्ष मनोज चक्रधारी के पंडाल में विशेष आयोजन हुआ, जिसमें दो खास हस्तियों की मौजूदगी ने श्रद्धालुओं और ऑपरेटरों का उत्साह और भी बढ़ा दिया।
इस मौके पर रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल और जीटीपीएल बीसीसी के डायरेक्टर बबलू भाटिया विशेष रूप से पहुंचे। दोनों ने पंडाल में मां दुर्गा की आरती में भाग लिया।

श्रद्धालुओं का उत्साह,बबलू भाटिया का स्वागत कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की
जैसे ही बृजमोहन अग्रवाल और बबलू भाटिया पंडाल पहुंचे, वहां मौजूद श्रद्धालुओं और केबल ऑपरेटरों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। फूल-मालाओं से अभिनंदन हुआ और उपस्थित लोग एक स्वर में माता रानी के जयकारे लगाने लगे। पंडाल में मौजूद श्रद्धालुओं का कहना था कि “बबलू भाटिया के आने से माहौल और भी खास हो गया और सबने मिलकर प्रदेश की खुशहाली और तरक्की की कामना की।

एकजुटता और आत्मविश्वास का संदेश
पंडाल में बड़ी संख्या में मौजूद केबल ऑपरेटरों ने कहा कि जीटीपीएल बीसीसी जैसी मजबूत कंपनी के डायरेक्टर का उनके बीच आना उनके लिए गर्व की बात है। इससे ऑपरेटरों के आत्मविश्वास और उत्साह दोनों में बढ़ोतरी हुई है। ऑपरेटरों ने कहा कि जीटीपीएल बीसीसी के साथ जुड़कर वे खुद को सुरक्षित और तकनीकी रूप से मजबूत महसूस करते हैं।

“केबल ऑपरेटरों की ताकत से कोई समझौता नहीं” – बबलू भाटिया
इस अवसर पर संबोधित करते हुए जीटीपीएल बीसीसी डायरेक्टर बबलू भाटिया ने कहा –
“नवरात्रि शक्ति और एकता का पर्व है। जैसे मां दुर्गा ने असुरों का संहार कर धर्म की रक्षा की, वैसे ही हम सब केबल ऑपरेटर मिलकर उद्योग को आगे बढ़ाने और ग्राहकों को बेहतर सेवा देने के लिए संकल्पित हैं। हमारी प्राथमिकता साफ है – तकनीकी मजबूती और ग्राहक संतुष्टि। ऑपरेटरों की ताकत से कोई समझौता नहीं होगा।”
धार्मिक-सांस्कृतिक मंच पर दिखी केबल ऑपरेटरों की एकता
पूरे आयोजन ने यह संदेश दिया कि धार्मिक और सांस्कृतिक मंच भी अब समाज की एकजुटता और उद्योग की मजबूती का प्रतीक बनते जा रहे हैं। जहां एक ओर भक्तिमय माहौल ने सबको जोड़कर रखा, वहीं दूसरी ओर ऑपरेटरों की सामूहिक उपस्थिति ने यह साबित कर दिया कि वे अब केवल व्यवसाय तक सीमित नहीं हैं बल्कि समाज और संस्कृति से भी गहराई से जुड़े हैं।
पंडाल में माता की आरती, भक्ति गीत, ढोल-नगाड़ों की गूंज और भंडारे के बीच यह आयोजन भक्तिमय और सामाजिक एकता दोनों का अद्भुत संगम साबित हुआ।

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