बिलासपुर/ जिले के नगर निगम में ठेका कंपनी की खुलेआम मनमानी की खबर सामने आ रही है, आपको बता दें बिलासपुर नगर निगम ने जलकर, मकान टेक्स,दुकान किराया वसूली का ठेका, 2017 में स्पैरो कंपनी को दिया गया था, जिसके बाद से आज तक स्पैरो कंपनी सही ढंग से वसूली नही कर पा रहीं है,सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जब से स्पैरो कंपनी को कर समेत अन्य वसूली का ठेका मिला है, तब से स्पैरो कंपनी टारगेट पूरा नहीं कर पाई,स्पैरो कंपनी को बिलासपुर नगर निगम क्षेत्र में जलकर, दुकान किराया,मकान टेक्स की वसूली करने का ठेका दिया गया है, करीब 6 साल होने वाला है, नगर निगम ने स्पैरो कंपनी को हर साल लगभग 90 परसेंट वसूली करने के लिए ठेका दिया था, पर ठेका कंपनी अनुबंध का आधा कर भी वसूल नही कर पाई, जिसके बाद भी पता नही क्यों बिलासपुर नगर निगम के अधिकारी स्पैरो कंपनी की नीव क्योप बन बने हुए है। जबकि कर वसूली का ठेका होने के बाद निगम को नुकसान ही हो रहा है।
जानिए क्या है झोल झाल
नियम के हिसाब से निगम की दुकानों के किराए में हर 3 साल में 15 परसेंट की बढ़ोतरी की जानी होती है, पर ठेका लेने के बाद स्पैरो कंपनी अप्रैल 2016 से मार्च 2019 तक 3 सालों में जीएस्टी के साथ एक दुकान का किराया 51 हजार 9 रु की वसूली की, जिसके बाद 2019 से 2022 तक स्पैरो कंपनी ने उसी दुकान का किराया मात्र 15 हजार 32 रु की ही वसूली की, जबकि कर वसूली का काम जब निगमकर्मी किया करते थे तो करीब 70 से 80 परसेंट की वसूली करते थे,पर इतना घाटा सहने के बाद भी निगम के अधिकारी स्पैरो कंपनी को क्यों पाल रही है ये समझ से परे है।नगर निगम के अधिकारी ही अपनी जेब भरने के लिए ऐसे बीज को अंकुरित कर रहे है, जिससे निगम प्रशासन को भारी नुकसान हो रहा है। जिसे देखते हुए निगम कमिश्नर को उचित कार्यवाही करनी चाहिए। अगली खबर में हम आपको निगम और स्पैरो कंपनी की मिली भगत की पूरी जानकारी देने वाले है जिसमे निगम के कुछ अधिकारियों के की सांठगांठ की पोल खोलने वाली है
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