डॉ श्रीकांत गिरी पर गिरी आरोपों की गाज,शिशु भवन अस्पताल में फिर दो दुधमुहे जुड़वा बच्चों की मौत, इससे पहले भी बच्चे की मौत पर गलत इलाज करने का लग चुका है आरोप, पार्ट 1,,, क्या शिशु भवन अस्पताल में चल रहा बच्चों की मौत का तांडव?

बिलासपुर/ ईदगाह चौक के पास स्थित शिशु भवन अस्पताल में एक बार फिर दुधमुहे जुड़वा बच्चों के इलाज के दौरान लापरवाही बरतने से मौत होने का आरोप लग रहा है। जानकारी के अनुसार 8 महीने पहले इसी महिला के एक और बच्चे की मौत शिशु भवन अस्पताल में होने की बात समाने आ रही है। इससे पहले भी तोरवा निवासी पटेल दंपती ने भी बच्चे की मौत के बाद शिशु भवन अस्पताल प्रबंधन पर गलत इलाज का आरोप लगाया था।

शिशु भवन अस्पताल में बच्चों की मौत और अस्पताल प्रबंधन पर गलत इलाज का आरोप लगना अब आम बात हो चुकी है। वही शुरवार को एक बच्चों की मौत के बाद परिजनों ने जुड़वा बच्चों की मौत का जिम्मेदार अस्पताल प्रबंधन को ठहराया है।डॉक्टरों को भगवान का दर्जा दिया जाता है पर लगता है कुछ डॉ सिर्फ पैसे कमाने के लिए डॉक्टरी करते है।

जानकारी के अनुसार रतनपुर क्षेत्र के सिलाई ग्राम में रहने वाली सरिता मानिकपुरी ने बिलासपुर के एक निजी अस्पताल में 14 दिन पहले नॉर्मल डिलीवरी से दो जुड़वा नवजात बच्चों को जन्म दिया था, वही डिलीवरी के बाद डॉक्टरों ने बच्चों को कमजोर बताते हुए उन्हें उपचार के लिए ईदगाह चौक स्थित श्री शिशु भवन अस्पताल में भर्ती कराने कहा जिसके बाद सरिता के परिजनों ने बच्चों को शिशु भवन में भर्ती कराया था,इसी बीच भर्ती के 6 दिन बाद एक बच्चे की मौत हो गई थी। जिसके बाद शुक्रवार शाम करीब 7:00 बजे शिशु भवन के डॉक्टरों ने परिजनों को बताया कि दूसरे बच्चे की भी मौत हो गई है।

परिजनों ने उपचार में लापरवाही बताते हुए अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा मचाया।वही जब मीडिया कर्मी मृत बच्चो के परिजनों से बातचीत करने के बाद डॉक्टर गिरी से इलाज के संबंध में सवाल करने लगे तो पहले तो डॉक्टर साहब ने मीडिया कर्मियों को बाइट दे दी फिर एक सवाल पर डॉ गिरी ने अपना आपा ही खो बैठे और ताव दिखते हुए कहा जो खबर चलानी है चला दो। इस दौरान अस्पताल प्रबंधन द्वारा मीडियाकर्मियों से बत्तमीजी करने का आरोप लग रहा है।

इस पूरे मामले में अस्पताल प्रबंधन अपना बचाव करते नजर आया, वही जब बच्चे के परिजन अपनी बात मीडिया के सामने रखने लगे तो डॉक्टर श्री कांत गिरी अपनी लग्जरी कार में बैठकर थाना पहुंच गए और मृतक बच्चे के परिजनों के खिलाफ शिकायत दर्ज करा दी। बहरहाल इस पूरे मामले में अस्पताल प्रबंधन ने अपने आप को साफ सुथरा तो बता दिया पर उस मां का क्या जिसने अपने बच्चों को 9 महीने कोख में रखकर,प्रसव की असहनीय पीड़ा सहकर दो जुड़वा बच्चों को जन्म दिया,परिवार में दो बच्चों की किलकारी से खुशी का माहौल था, पर अब एक मां अपनी सुनी गोद लिए दो बच्चो ने मौत के गम में डूबी है। जानकारी के अनुसार शिशु भवन अस्पताल में आए दिन कोई न कोई आरोप लगता है जिसपर प्रशासनिक अधिकारियों को जांच करनी चाहिए। और एक टीम बनाकर समय समय पर निजी अस्पतालों का निरक्षण करने निर्देश देना चाहिए। वही अगली कड़ी में श्री शिशु भवन अस्पताल के कुछ और कारनामे उजागर हो सकते है।

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