बिलासपुर,,बड़ी संख्या में हुआ पटवारियों का तबदला,,पर इस बार भी चर्चित और शिकायती पटवारियों की नही हिली कुर्सी,,, जानिए कुछ पटवारियों का लेखा-जोखा,,,

बिलासपुर / बिलासपुर जिले के राजस्व विभाग में क्या चल रहा है ये किसी को नही पता, क्या यहां कुछ रसूखदार पटवारियों का बोल बाला है। आपको बता दें आज अनुविभागीय अधिकारी बिलासपुर के द्वारा पटवारियों के तबादले की एक सूची जारी की गई है। जिसमे लगभग 23 पटवारियों को इधर से उधर किया गया है। जारी हुई सूची में बिलासपुर शहर में पदस्थ पटवारियों को बड़ी संख्या में आसपास के ग्रामीण एरिया में भेजा गया है। कल भी पटवारियों की तबादला सूची निकाली गई थी, पर इन तबादलो में रसूखदार पटवारियों का नाम शामिल करने शायद अधिकारियों के हांथ कांपते है।

जानिए कुछ रसूखदार पटवारियों के नाम

1 अशोक ध्रुव

सूत्र बताते है की बिलासपुर मे लिंगियाडीह पटवारी अशोक ध्रुव को बिलासपुर तहसील में चौदह साल हो गया है। लेकिन पता नही इनके पास ऐसी कौन सी कला है की अभी के ट्रांसफर लिस्ट में अशोक ध्रुव को नहीं हटाया गया। बता दें की मोपका के एक प्रकरण में पटवारी अशोक ध्रुव को सिविल कोर्ट से तीन साल की सजा सुनायी जा चुकी है। पर जनाब ने इसका भी तोड़ निकाल लिया, जो हाईकोर्ट में अपील के आधार पर नौकरी कर रहा है। छ्ग लोक आयोग ने भी अशोक ध्रुव के ख़िलाफ़ कार्यवाही की अनुशंसा की थी। परंतु तत्कालीन तहसीलदार ने बचा लिया था।

2 दिनेश वर्मा

इसी तरह पटवारी दिनेश वर्मा को बिलासपुर तहसील में भी करीब दस साल हो गए पर लगता है जनाब अपनी कुर्सी के नीचे फेविकोल लगाकर बैठे है। बता दें प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल ने बिलासपुर ज़िला में विशेषकर बिलासपुर तहसील को सुधारने के लिए ही तीन साल वाला नियम लाया था। पर लगता है इन पटवारियों की और ऊंची पकड़ है तभी तो नियमो को ताक में रखकर यह एक ही जगह अपने पैर जमाए बैठे हैं।

इन पर क्यों मेहरबान है विभाग के अधिकारी?

3 पटवारी,अभिषेक शर्मा , 4 आशीष टोप्पो, 5 प्रकाश साहू, 6 मनोज खूँटे, 7 आलोक तिवारी, 8 प्रीति सिंह को तीन साल से ऊपर एक ही तहसील बिलासपुर में हो चुका है। इन पटवारियों के ख़िलाफ़ सर्वाधिक शिकायतें थी। इसके बावजूद विभाग इन पर क्यों मेहरबान है ये तो ऊपर वाला ही जाने। कुल मिलाकर बिलासपुर तहसील में राम राम जपना पराया माल अपना की तर्ज पर काम किया जा रहा है।

पर गौर करने वाली बात यह है कि आखिर ज़िला प्रशासन इन रसूखदार पटवारियों के सामने इतना बेबस और लाचार क्यों है क़ायदे से इन चर्चित और शिकायती पटवारियों को तहसील से बाहर कर अन्य तहसील में पदस्थ करना चाहिए था। पर लगता है की विभाग के अधिकारी भी इनके आगे नतमस्तक है।

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