रायगढ़/ शिक्षक गुरु होते है जो बच्चों का भविष्य गढ़ते है, माता पिता के बाद गुरु ही होता है जो बच्चों को अच्छी शिक्षा और ज्ञान देता है, लेकिन रायगढ़ में एक महिला शिक्षिका की हैवानियत सामने आया हैं। बताया जा रहा हैं कि शिक्षिका ने एक गरीब परिवार की 4 साल की बच्ची को 4 दिनों तक बाथरूम में बंद करके रख दिया था। महिला शिक्षिका की प्रताड़ता से बच्ची काफी दहशत में हैं। वही घटना की जानकारी के बाद बच्ची को रेस्क्यू कर लिया गया है। मामला खरसिया थाना क्षेत्र का है। घटना के बाद अब पुलिस इस मामले में आरोपी शिक्षिका के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के बजाये प्रार्थी का इंतजार कर रही हैं।
इस पूरे घटनाक्रम के संबंध में जिला बाल संरक्षण अधिकारी दीपक डनसेना ने जानकारी देते हुए बताया कि उक्त शिक्षिका के पास से 9 साल पहले भी चाइल्ड लाइन ने एक 6 साल के बच्चे को रेस्क्यू कर बचाया था। उनकी टीम ने बच्ची को रायगढ़ लाकर सुरक्षा दी गई थी। उस वक्त के घटना के बाद अब एक बार फिर 4 साल की मासूम बच्ची को इसी शिक्षिका के घर से रेस्क्यू किया गया हैं। पूछताछ में पता चला हैं कि पीड़ित मासूम बच्ची विश्रामपुर की रहने वाली है। उसके पिता ड्राइवर हैं। माता-पिता गरीबी के कारण बच्ची को पालने में असमर्थ थे, तो उन्होंने अपनी बच्ची को सरकारी स्कूल की टीचर आशा अग्रवाल को पालने के लिए दे दिया।
शिक्षिका का पति ट्रांसपोर्टर हैं, लिहाजा अक्सर वो घर से बाहर ही रहता हैं। बताया जा रहा हैं कि गरीब माता-पिता को उम्मींद थी कि शिक्षिका के घर में रहकर उनकी बेटी का भविष्य बन जाएगा। लेकिन आरोपी शिक्षिका ने गरीब माता-पिता का ना केवल भरोसा तोड़ा, बल्कि उनका फायदा भी उठाया और उन्हें आश्वासन देकर बच्ची को अपने साथ ले आई और उसे प्रताड़ित करना शुरू किया। बताया जा रहा हैं कि शिक्षिका की आदत है कि वो बच्चों को पहले लाती है और फिर उसे प्रताड़ित करती है। बताया जा रहा है कि आरोपी का पति अक्सर घर से बाहर रहता था। वो कभी-कभी ही घर आता था। महिला अकेले बच्ची के साथ रहती थी, इसलिए उसे रोकने वाला कोई नहीं था।
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