VIDEO अस्पताल में भर्ती बिलासपुर के अमित को डॉक्टर से सवाल करना पड़ा भारी?डॉक्टर ने जड़ दिया तमाचा,पत्नी को भी दिया धक्का, मरीज का आरोप,

रायपुर/ प्रदेश के सरकारी अस्पतालों की हालत कब सुधरेगी शायद इसका जवाब अब किसी के पास नहीं है, बता दें प्रदेश के सरकारी अस्पतालों से कभी मरीजों के साथ मारपीट और दुर्व्यवहार की खबर आती है तो है, कभी ठीक ढंग से इलाज नहीं होने का आरोप लगता है। जिसे देखकर तो यही लगता है कि सरकारी अस्पतालों में इलाज के अलावा सब कुछ होता है। वही एक ताज़ा मामला राजधानी रायपुर में स्थित एम्स अस्पताल का है जहां एक मरीज के साथ एम्स के डॉक्टरों के द्वारा मारपीट करने का आरोप लगा है।

जानकारी के अनुसार बिलासपुर जिले के रेलवे कॉलोनी में रहने वाला अमित ख़ुरसैल के कंधे का ऑपरेशन होना था,जिसे देखते हुए उसे मंगलवार को रायपुर एम्स अस्पताल में भर्ती किया गया था, जिसके बाद बुधवार की सुबह करीब 8 बजे अमित को ऑपरेशन थिएटर ले जाया गया,जिसका ऑपरेशन होने के बाद उसे शाम में 6 बजे वार्ड में शिफ्ट किया गया, वही जब मरीज को होश आया तो उसके सर में दर्द था, जिसके बाद उसने इस बात की जानकारी अपनी पत्नी को दी, वही जब मरीज की पत्नी से उसके सर को छू के देखा तो उसके सर में सूजन थी,जिसे देखते हुए वार्ड में ड्यूटी कर रहे एम्स स्टाफ को इस बात की जानकारी दी गई, तो उन्होंने कहा हम कुछ नहीं बता पाएंगे ऑपरेशन थिएटर में जो डॉक्टर है वही बता पाएंगे,वही रात करीब 11बजे डॉक्टर जब मरीज के पास पहुंचे तो मरीज ने कहा कि सर मेरे हाथ का ऑपरेश हुआ है पर मेरे सर में दर्द है, फिर क्या था डॉक्टर साहब को गुस्सा आ गया और उन्होंने कहा कि क्या तुमको यहां मरने के लिए लाए है और मरीज को दो से तीन झापड़ जड़ दिए, एम्स हॉस्पिटल में भर्ती मरीज अमित का ये भी आरोप है कि डॉक्टर ने उसकी पत्नी को भी धक्का दिया है। और पूरा स्टाफ डॉक्टर का ही साथ दे रहा था,प्रदेश में केवल एक ही एम्स अस्पताल है जहां लोग बेहतर इलाज होने का भरोसा लेकर आते है पर जब एम्स के डॉक्टर ही मरीजों से ऐसा बर्ताव करेंगे तो एम्स प्रबन्धन पर सवाल उठाना तो लाज़मी हैं।

भले ही सरकार गरीब और मध्यम परिवार के लोगों के लिए कई स्वास्थ्य योजना चला रही है। जिससे लोगों को बेहतर इलाज मिल सके पर सरकारी अस्पतालो की हालत में पूरी तरह सुधार नहीं आ पाया है। जिसके चलते ही पैसे की तंगी होने के बावजूद लोग निजी अस्पताल में इलाज कराने मजबूर है। हां पर उन्हें यहां भी सरकारी योजनाओं का लाभ मिलता है जिससे उन्हें काफी राहत मिलती है। पर सवाल ये है कि आखिर प्रदेश में संचालित होने वाले सरकारी अस्पतालों की सुविधा में सुधार और मेडिकल स्टाफ के बर्ताव में नर्मी कब आएगी जिससे मरीज निसंदेह अपना इलाज सरकारी अस्पतालों में करवा पाएंगे,और उन्हें बेहतर इलाज मिल सकेगा?

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