बिलासपुर/अपनी बच्ची को वापस देने और आरोपी को पकड़ने एक पीड़ित मां शनिवार से कलेक्ट्रेट के सामने बैठी है भरी ठंड में पीड़ित और आप नेता प्रियंका शुक्ला वा अन्य साथी रात भर खुले आसमान के नीचे महिला को न्याय दिनाले बैठे रहे, ये सिलसिला, अब भी जारी है। पीड़ित मां ने बिलासपुर के लोगों से मदद की गुहार लगाई थी, जिसके बाद रविवार को बड़ी संख्या में लोग धरना स्थल पहुंच पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग की, वही 24 घंटे से ज्यादा बीत जाने के बाद भी एक मां को न्याय नहीं मिला और न ही प्रशासन की ओर से कोई जवाब आया है।
इधर मां का बुरा हाल उधर नेता इटोपियां में खींचा रहे फोटो
ठिठुरते ठंड में बच्ची की मां और समाज सेविका प्रियंका शुक्ला के साथ अन्य लोग कलेक्ट्रेट के सामने रात भर बैठे रहे, देखते देखते सुबह हो गई फिर शाम से अब रात होने को है। पर जनता का हितैषी बनने वाले एक भी नेता पीड़ित महिला की सुध लेने नही पहुंचे, शाम के वक्त भाजपा के पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल महिला से मिलने तो पहुंचे पर बिना बात किए ही निकल गए, इससे शर्म की बात क्या होगी की इधर एक महिला अपनी बच्ची को वापस पाने और पीड़ित को गिरफ्तार करने लगातार दो दिनों से बेसुध धरने पर बैठी है। लेकिन किसी ने भी पीड़ित की सुध लेने नहीं पहुंचे, हा पर नेताओ के पास शहर के कुंदन पैलेस में चल रहे इटोपिया कार्यकर्म जाने का भरपूर समय है। शहर के दिग्गज नेता यहां पहुंच कर फोटो खींचा रहे है और इधर एक पीड़ित महिला के कपड़े उसके आंख से निकल रहे आंसू से तर हो रहे है।
सीडब्ल्यूसी की भूमिका संदिग्ध
इस पूरे मामले में सीडब्ल्यूसी के ऊपर भी गंभीर आरोप लगे है जिसमे बच्ची को जबरन अपने पास रखने की बात कही जा रही है जिसे देखते हुए रविवार को कुछ लोग सीडब्ल्यूसी के अध्यक्ष असीम मुखर्जी के घर के बाहर पहुंचे और सीडब्ल्यूसी मुर्दाबाद और सीडब्ल्यूसी चोर है नारे लगाए, इसी बीच मुखर्जी की पत्नी बाहर गई और मीडिया के सामने कहने लगी की मेरे पति बस नही हैं और 5 लोग है उनके पास जाओ, असीम मुखर्जी कुछ बोलने को तैयार नहीं थे सवाल ये है की आखिर इस मामले में सब दूरी क्यों बनाए है अगर सीडब्ल्यूसी सही है तो सामने क्यों नहीं आ रही है। या आरोपी को बचाने पैसे का लंबा खेल खेला गया है।?
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