बिलासपुर/ सड़क हादसों की मुख्य वजह तेज़ रफ़्तार और यातायात नियमो की अनदेखी है। पर कुछ लोग समझने को तैयार हि नहीं है आज कल के कुछ युवा तेज़ रफ़्तार से गाड़ी चलाने का शौक रखते है जो उनके साथ-साथ सड़क पर आने जाने वाले लोगों के लिए भी घातक हो सकता है। आए दिन सड़क हादसे की खबर सामने आती है। जिसमे कुछ लोगों की जान चली जाति है तो किसी के हांथ पैर टूट जाते है। लेकिन तेज़ वाहन चलाने वाले लोग इससे सबक नहीं लेते है। वही आज एक 10 से 12 साल की किशोरी बड़े सड़क हादसे से बाल -बाल बची।
मिली जानकारी के अनुसार किशोरी अपने स्कूल से नेहरू चौक होते हुए सायकल से घर जा रही थी, इसी बीच वो जिला कोर्ट परिसर के पास पहुंची तो एक एक्टिवा सवार वाहन चालक बेलगाम रफ्तार से पीछे से आकर किशोरी को टक्कर मारते हुए निकल गया, और पीछे मुड़ कर भी नहीं देखा।
उसकी गाड़ी से टकरा कर किशोरी सडक किनारे गिर गई, जिसे आस पास मौजूद लोगों ने उठाया, हादसे मे घायल किशोरी बुरी तरह सहम गई थी, और लगातार रो रही थी, जैसे तैसे लोगों उसे समझाया, इस हादसे मे किशोरी के पैर मे छोट लगी थी, जिसे देखकर कोर्ट परिसर के पास सब्ज़ी बेचने वाली महिलाओ ने उसके पैर की मालिश की और बोरोप्लस लगाया, हादसे के बाद कुछ वकील भी यहां पहुँच गए और किशोरी से उसका हाल चाल -जाना जिसके बाद किशोरी के परिजनों से बात करके घटना की जानकारी दी, लेकिन घर मे केवल किशोरी की मा थी, जो मौके पर आने मे असमर्थ थी, जिसे देखते हुए एक वकील ने ऑटो करके किशोरी और उसकी सायकल को घर भेजवाया, बहरहाल इस सड़क हादसे मे किशोरी को मामूली चोट आई है। पर तेज़ तफ्तार से वाहन चलाने वाले एक्टिवा सवार की लापरवाही के चलते किशोरी बड़े हादसे का शिकार हो सकती थी।
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