बिलासपुर/ न्यायधानी मे इन दिनों आए दिन मारपीट का वीडियो सामने आ रहा है, इसी बिच बिलासपुर का एक और वीडियो सामने आया है जो सोशल मीडिया मे सुर्खिया बटोर रहा है, सामने आए वीडियो कुछ दिन पहले का बताया जा रहा है जिसमे एक महिला अपनी बेटी और परिवार के साथ जिम में घुसकर दबंगई दिखा, सारी हदें पार करते हुए कॉलोनी के अध्यक्ष को थप्पड़ जड़ दिया, पर इससे भी जब उनका मन नहीं भरा महिला के परिवार के सदस्य नमेश से गाली गलौच करने लगे, दरअसल कॉलोनी के अध्यक्ष ने महिला के बेटे को पटाखे फोड़ कर कचरा फैलाने से मना किया था। जिसका बदला लेने के लिए उन्होंने अध्यक्ष से इस तरह से बर्ताव किया, वहि अध्यक्ष ने मामले की शिकायत थाने मे की है जिसके बाद पुलिस ने अध्यक्ष की शिकायत पर अपराध दर्ज कर लिया है। ये पूरा मामला चकरभाटा थाना क्षेत्र के आशीर्वाद वैली का है।
मिली जानकारी के अनुसार नेमेश पांडेय पेशे से टीचर है। और आशीर्वाद कॉलोनी में रहते हैं। जो भी आशीर्वाद कॉलोनी वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष हैं। लिहाजा कॉलोनी की देखरेख और साफ सफाई की जिम्मेदारी उनके साथ ही पदाधिकारीयों पर भी है।
बता दें बीते 27 अक्टूबर को टीचर नेमेश कॉलोनी के जिम जा रहे थे। उसी समय कॉलोनी की रहने वाली कविता सिंह अपनी बेटी अंशुता सिंह के साथ जिम में घुस गए। और गाली देने लगी अभी उनके बीच बातचीत चल ही रही थी। कि अंशुता सिंह ने नेमेश को थप्पड़ मार दी। जिससे नेमेश भी तैश में आकर चिल्लाने लगा।
इस दौरान कविता सिंह के पति अरविंद सिंह बेटा हर्ष सिंह और हर्ष के दोस्त भी जिम के अंदर घुस गए उन्होंने नेमेश के साथ गाली गलौज शुरू कर दिया। और जिम में तोड़फोड़ भी कर दी नेमेश ने इस घटना की शिकायत चकरभाठा थाने में की है। मारपीट की इस घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है। जिसमें अंशुता सिंह नेमेश पाण्डेय को थप्पड़ मारते नजर आ रही है। जिम में घुसकर मारपीट गाली-गलौज करने और तोड़फोड़ करने का भी फोटो सामने आने के बाद पुलिस ने अपराध पंजीबद्ध कर लिया है।
नेमेश पाण्डेय ने बताया कि कविता सिंह और उनके पति कॉलोनी का मेंटेनेंस शुल्क देने के लिए मना करते हैं। इस बात को लेकर कॉलोनी में आए दिन विवाद भी करते हैं। कॉलोनी की महिलाओं के साथ ही पदाधिकारियों के साथ भी कई बार विवाद कर चुकी है। वह आए दिन झूठी शिकायत कर कॉलोनी वालों को परेशान भी करती हैं। वहीं पुलिस अफसर की बेटी होने के कारण पुलिस उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं करती।
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