बिलासपुर/तोरवा थाने इलाके में बड़ा ही गंभीर मामला सामने आया है जिसमे रायपुर में रहने वाली नाबालिग बच्ची 7 महीने पहले तोरवा थाना इलाके से गायब हो गई थी, जो अभी तक लापता है, वही परिजनों की शिकायत पर तोरवा पुलिस ने गुम इंसान का मामला दर्ज कर खानापूर्ति कर दी थी,लेकिन लाचार और बेबस पिता अपनी बच्ची को वापस पाने थानों के चक्कर काट रहा है। ये पूरा मामला बेहद ही संवेदन सील नजर आ रहा है।
जिसमे नाबालिग पीड़िता के पिता ने बताया की रायपुर में उसकी नाबालिग बेटी से दो लोगों ने दुष्कर्म किया था, जिनके खिलाफ रायपुर में पास्को एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ था, और आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया, जिसके बाद आरोपियों ने बिलासपुर हाई कोर्ट में जमानत के लिए अपील की थी,, जिस पर इस संबंध हाई कोर्ट से पीड़िता के परिजनों को बयान के लिए नोटिस आया, जिसमे 28 जुलाई को हाई कोर्ट में बयान होने की बात लिखी थी,और परिजन नाबालिग को लेकर 27 जुलाई 2022 को बिलासपुर पहुंचे और देर होने की वजह से परिजन तोरवा क्षेत्र में स्थित तितली चौक के पास अपनी बेटी के साथ सो गए,वही जब वे सुबह उठे तो नाबालिग गायब थी।
जिसके बाद नाबालिग के पिता ने आस पास पता किया तो जानकारी मिली की कुछ लोग नाबालिग लड़की को आटो में भरकर ले गए है। जिसकी शिकायत नाबालिग के पिता ने तोरवा थाने में की, पर पुलिस ने इस मामले में गंभीरता नही दिखाई और पिता के लाख गिड़गिड़ाने के बाद भी गुम इंसान का मामला दर्ज कर लिया और मामला ठंडे बस्ते में चला गया, पिता चिल्ला चिल्ला कर बोलता रहा की मेरी बेटी का अपहरण हुआ है।
पर तोरवा पुलिस का दिल नहीं पसीजा और आज भी पिता तोरवा थाने के चक्कर काट रहा है। आपको बता दें सोमवार को नाबालिग पिता अपने कलेजे के टुकड़े की जानकारी लेने थाना पहुंच जिसने मीडिया के सामने आप बीती बताई तब इस मामले का खुसला हुआ, जब सोमवार को पिता एक बार फिर तोरवा थाना पहुंचा इस दौरान मीडियाकर्मी भी थाने में मौजूद थे पिता ने नम आंखों से पूरी कहानी बताई,
पिता का आरोप
पूरे मामले में नाबालिक पिता का आरोप है कि उसकी बेटी को कुछ लोग गाड़ी में उठा कर अपहरण कर लिया पर तोरवा टीआई उत्तम साहू ने सीधा फैसला सुना दिया की पिता ही फर्जीवाड़ा कर रहा है, यह बातें टीआई उत्तम साहू ने समाज सेविका प्रियंका शुक्ला से फोन पर कहीं, पिता ने ही फर्जीवाड़ा किया है और उसने खुद ही लड़की गायब की है, जब प्रियंका शुक्ला ने पूछा कि पिता क्यों ऐसा करेगा तो टीआई महोदय ने बोला क्योंकि पिता को मुआवजा चाहिए यह सब बातें टीआई साहब ने फोन पर की, कुल मिलाकर इस मामले में तोरवा टीआई ने एक जज की तरह फैसला सुना दिया जबकि पिता के प्रति संवेदना व्यक्त कर लड़की को ढूंढना चाहिए था, और अगर टीआई साहब को लग रहा है कि पीड़ित पिता झूठ बोल रहा है तो उसके ऊपर कार्यवाही करनी चाहिए पर ना लड़की मिली ना पिता के ऊपर कोई कार्यवाही हुई आखिर इस मामले के पीछे सच्चाई क्या है इसका अब तक खुलासा नहीं हुआ है पर अपनी बेटी को वापस पाने पिता दर-दर भटक रहा है और तोरवा पुलिस अपनी अलग ही आलाप राग रही है। बहरहाल इस मामले में अपनी एक तरफा राय देने के बाद तोरवा टीआई ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि वह अभी नए आए हैं, पर जनाब से ये नही हो पाया की अपना फैसला सुनाने के पहले पीड़ित पिता की बात सुन लेते, पहले तो टी आई साहब ने पिता को गलत ठहरा दिया और फिर बोलने लगे की मैं नया हु? वही इस मामले में तोरवा टी आई से उचित जवाब और कार्रवाई की अपेक्षा नहीं दिखी, जिसके बाद समाज सेविका प्रियंका शुक्ला ने पीड़ित पिता को आईजी के समक्ष पेश किया, जिसके बाद आईजी ने मामले में संज्ञान लेते हुए केस की डायरी मंगवाई है और अब देखना होगा कि क्या पीड़ित पिता को को न्याय मिल पाता है, या नहीं।
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