Bilaspur/शहर की यातायात व्यवस्था मैं सुधार लाने बिलासपुर नगर निगम द्वारा स्मार्ट सिटी योजना के तहत स्मार्ट सड़क के साथ ही चौड़ी सड़कों का निर्माण कार्य किया जा रहा है,इसी कड़ी में उसलापुर में आए दिन लग रहे जाम को देखते हुए करीब 8 करोड़ की लागत से यहां सड़क का निर्माण होना है,जिसमें खसरा नंबर 1552 में किए गए कब्जे को हटाने का काम लगभग पूरा हो चुका था पर कुछ लोगों ने इस मामले में न्यायालय में परिवाद दायर कर अपना पक्ष रखा था, जिस पर माननीय उच्च न्यायालय ने खसरा नंबर 1552 में किए गए कब्जे का सीमांकन कर कार्यवाही करने के निर्देश निगम प्रशासन को दिए थे।
जिसके बाद राजेंद्र सिंघानिया ने हाईकोर्ट के बाद लोअर कोर्ट में अर्जी लगाई थी, जो अभी विचाराधीन है इसके बावजूद राजेंद्र सिंघानिया के द्वारा खुद से बाउंड्री वॉल तोड़ने और सरकारी जमीन पर बोर खनन करने की जानकारी निगम अधिकारी ने दी है, जबकि इस मामले में बाउंड्रीवॉल तोड़ने की जानकारी न्यायालय को दी जानी थी पर राजेंद्र सिंगानिया ने ना तो शपथ पत्र शपथ पेस किया और न ही नाड पेस किया, जिससे कोर्ट की अवमानना हो रही है। और उल्टा नियम विरुद्ध बोर खनन का कार्य करवाया जा रहा है। वही वही न्यायाल में के खारिज होने के बाद निगम की टीम ने ईडी बजाज और संतोष सिंघानिया द्वारा किए गए अतिक्रमण पर कार्यवाही करते हुए बुल्डोजर चला दिया।
जानिए क्या था पूरा मामला
बिलासपुर नगर निगम द्वारा मंगला से उसलापुर तक शासकीय भूमि के खसरा नंबर 1552 में करीब 8 करोड़ की लागत ले सड़क बनाई जानी है जिसके लिए सालों से सरकारी जमीन पर किए गए कब्जे को हटाने का काम किया जा रहा है, जिसमे लगभग 28 लोगों का बेजाकब्जा पाया गया था, अधिकतर लोगों ने तो बिना विरोध के बेजाकब्जा हटवा लिया पर इस मामले कुछ लोग हाई कोर्ट की शरण में चले गए थे, वही इस मामले में माननीय उच्च न्यायालय के द्वारा 4 प्रकरणों में आशुतोष पाठक, संतोष सिंघानिया, पार्टीदार भवन के संचालक और ईडी बजाज के केस में सुनवाई की और बिलासपुर निगम प्रशासन के पक्ष में फैला सुनते हुए स्पष्ट निर्देश देते हुए सरकारी भूमि के खसरा नंबर 1552 का विधिवत सीमांकन कराने कहा था, और अगर सरकारी भूमि पर किसी का बेजाकब्जा पाया जाता है तो सीमांकन कर उसे हटाने का आदेश दिया था, जिसके बाद नगर निगम बिलासपुर के द्वारा यहां से बेजाकब्जा हटाने की कार्यवाही शुरू की गई, इसी बीच संतोष सिंघानिया, ईडी बजाज,राजेंद्र बजाज समेत अन्य ने जिला न्यायालय ,सप्तम न्यायधीश, और चतुर्थ न्यायधीश न्यायलय में अपील की, जिस पर कोर्ट ने ईडी बजाज और संतोष सिंघानिया के केस को खारिज कर दिया।
जिसके बाद निगम की टीम तत्काल मौके पर पहुंच इनके द्वारा किए गए कब्जे पर बोल्डोजर चला दिया। वही निगम अधिकारियों के अनुसार राजेंद्र सिंघानिया का केस अभी कोर्ट में चल रहा है जिसकी सुनवाई 24/04/23 को होनी है। पर इससे पहले ही राजेंद्र सिंघानिया मजदूर लगाकर बाउंड्री वॉल तोड़वाने के साथ ही सरकारी जमीन पर बोर खनन भी करवा रहा है। जबकि राजेंद्र सिंघानिया ने ना कोर्ट से इसकी अनुमति ली और ना ही बाउंड्री वॉल तोड़ने की कोई जानकारी दी, मामला न्यायालय में विचाराधीन है इसके बावजूद नियम को ताक में रख कर राजेंद्र सिंघानिया बाउंड्री वॉल तोड़ने का काम करवा रहे है। बता दें कुछ लोगों के कारण सड़क के कार्य में बढ़ा उत्पन्न हो रही थी वही अब संतोष सिंघानिया और ईडी बजाज का केस खारिज होने के बाद इनके द्वारा किया गया अतिक्रमण हटाया जा रहा है। और राजेंद्र सिंघानिया के केस की सुनवाई के बाद अगर निगम प्रशासन को हरी झंडी मिल जाती है तो मंगला चौक से उसलापुर तक लोगों को एक और चौड़ी सड़क मिल सकेगी साथ ही यातायात भी सुगम होगा, बता दे केंद्र सरकार के आदेश के बाद उसलापुर स्टेशन को अपग्रेड किया जा रहा है, यहां अब कई ट्रेनों का ठहराव रहेगा जिससे भिड़ भी बढ़े की जिसे देखते हुए निगम कमिश्नर कुणाल दुदावत ने मंगला से उसलापुर तक बनने वाली सड़क को प्राथमिकता देते हुए सड़क निर्माण को जल्द शुरू करने निर्देश दिए है।
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