बिलासपुर/लालच ने वर्दी उतरवाकर पहनाई हंथकड़ी,, भगोड़ी महिला एएसआई गिरफ्तार,,

बिलासपुर। वैसे तो वर्दी का काम अपराध रोकना है पर कुछ वर्दीधारी खाकी के सहारे अपराध को अंजाम देने से नही चूकते, वही इस बार पुलिसकर्मियों के फंड से हेराफेरी कर लाखों का गबन करने वाली महिला एएसआई को गिरफ्तार कर लिया गया है। महिला एएसआई फंड शाखा प्रभारी के पद पर थी,जिसका फायदा उठा कर पुलिसकर्मियों के भविष्य निधि का गबन उसने एक हवलदार के साथ मिलकर कर लिया था। महिला एएसआई ने एसएसपी के जाली हस्ताक्षर का भी इस्तेमाल किया था। मामले में सितंबर में एफआईआर दर्ज होने के बाद हवलदार संजय श्रीवास्तव को तो गिरफ्तार कर लिया गया पर महिला एएसआई तीन माह से फरार थी।

आई ( एम) के पद पर एसपी ऑफिस में पदस्थ थी। अपने पति की जगह उसे अनुकम्पा नियुक्ति मिली हुई थी। वह यहां फंड शाखा का प्रभार देखती थी। एसएसपी पारुल माथुर को एक दिन फंड शाखा के फाइलों के अवलोकन के दौरान उसमें कई कांट- झांट व गड़बड़िया मिली। प्रथम दृष्टया मामला संदेहास्पद प्रतीत होने पर उन्होंने डीएसपी हेडक्वार्टर राजेश श्रीवास्तव को मामले की जांच कर रिपोर्ट सौपने के निर्देश दिए।

डीएसपी की जांच में इस बात की जानकारी मिली कि पुलिस अधीक्षक कार्यालय के फण्ड शाखा प्रभारी सउनि (अ) मधुशीला सुरजाल अपने पदस्थापना के दौरान विभागीय भविष्य निधि के खाता धारको के खाते में उपलब्ध धनराशि से अधिक धनराशि का आहरण एवं भुगतान गलत होना जानते हुए भी उनके द्वारा फण्ड शाखा में न्यस्त होकर वित्तीय अनियमितता कर शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाया गया है। तथा उनके द्वारा प्रधान आरक्षक संजय श्रीवास्तव के बिना आवेदन किये नोट शीट तैयार कर उसके जी.पी.एफ खाते में पर्याप्त धनराशि नहीं होने के बावजूद 15,75,000 रूपये की धनराशि स्वीकृत कर आहरण किया गया है वही अन्य कर्मचारियों के भविष्य निधि के खाते से भी पर्याप्त धनराशि नहीं होने के बावजूद अधिक धनराशि का आहरण कर 59,75,000 का वित्तीय अनियमितता कर शासन को आर्थिक नुकसान पहुंचाया गया है। उक्त अनियमितता के संज्ञान में आने पर सउनि (अ) मंधुशीला सुरजाल द्वारा आहरित धनराशि को भारतीय स्टेट बैंक कलेक्ट्रेट शाखा बिलासपुर में जमा कराये जाने के संबंध में जांच किया गया व उनसे लिखित जवाब मांगा गया जिस पर भारतीय स्टेट बैंक द्वारा चालान एवं बैंक की सील जाली होना लिखित में दिया गया। तथा यह भी पता चला कि जांच प्रतिवेदन में फण्ड शाखा के रजिस्टर में आहरण संधारित न होना एवं नोट शीट में स्वीकृत राशि के अंक का लेखन एवं हस्ताक्षर भिन्न है।

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