बिलासपुर/ प्रदेश में कांग्रेस की सरकार हो या भाजपा की जिला का राजस्व विभाग काफी बनाम रहा है, यहां बिना रिश्वत के कोई नहीं होने का आरोप लगाते आया है, वही बिलासपुर राजस्व विभाग के जय और वीरू के भ्रष्टाचार की कहानी तो सब जानते ही है, वही आज भी शहर के आस पास रहने वाले लोग अपने काम के लिए तहसील कार्यालय के चक्कर काट रहे है। पर अब इस मामले में जिले के कलेक्टर एक्शन मूड में नजर आ रहे है।
बता दें कलेक्टर अवनीश शरण ने मंथन सभाकक्ष में आज राजस्व विभाग के कामकाज की गति की समीक्षा बैठक ली, इस दौरान उन्होंने राजस्व मामले में तेज़ी से निराकरण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि निराकरण की प्रगति राज्य स्तर पर प्रथम पांच में होने चाहिए। राजस्व विभाग की अगली बैठक से उप पंजीयक और जिला पंजीयक को भी उपस्थित रहने के निर्देश दिए गए है। बैठक में जिले के एसडीएम, तहसीलदार और नायब तहसीलदार उपस्थित थे।
कलेक्टर ने एक एक अधिकारी वार मामलों के निराकरण की जानकारी ली। उन्होंने कार्यसूची में शामिल हर योजना की गहराई से समीक्षा की। उन्होंने हर सप्ताह में निपटाए गए मामलों का विवरण भू अभिलेख शाखा में जमा करने को कहा है। खासकर नक्सा बटांकन, त्रुटि सुधार और भू अर्जन का विशेष उल्लेख हो। इनमें कमजोर प्रदर्शन करने वाले 5 अधिकारियों को अपने एसडीएम के साथ शनिवार को पृथक से बैठक ली जाएगी। अगले राजस्व अफसरों की बैठक में उप पंजीयक भी शामिल होंगे। क्योंकि भूमि पंजीयन के बाद तत्काल इसकी सूचना तहसीलदारों तक ऑनलाइन नहीं पहुंच रही है, जिसके कारण नामांतरण में अनावश्यक विलंब हो रहा है। उन्होंने जनदर्शन में सीमांकन को लेकर बड़ी संख्या में लोगों के पहुंचने का कारण पूछा। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि यदि कोई 15 दिवस से ज्यादा पुराने ज्ञापन लेकर पहुंचा तो संबंधित पटवारी को निलंबन की सजा दी जायेगी। तहसीदार को भी जवाब देना होगा। कलेक्टर ने कहा कि पटवारी के मुख्यालय में रहने का दिन फिक्स हो और अनिवार्य रूप से लोगों से मिलें। ग्राम पंचायत और कार्यालय में इस आशय की सूचना भी दीवार लेखन में किया जाना चाहिए। समय सीमा से बाहर के प्रकरणों में विलंब का स्पष्ट कारण भी दर्ज किया जाना चाहिए। भू अर्जन के संबंध में राज्य शासन के नए निर्देशों से अवगत कराया गया और इसे ध्यान में रखकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए। उन्होंने ऐप के जरिए गिरदावरी के तथ्यों सत्यापन करने को कहा। पटवारी, तहसील, जिला स्तर और राज्य स्तर से रैंडम आधार पर कुछ खसरा नंबर की जांच करने कहा। ये देखा जाए कि गिरदावरी में जो दर्ज है, वही और उतने रकबे में फसल लगी है कि नहीं। धान खरीदी की तैयारी की भी उन्होंने जानकारी ली। अपर कलेक्टर आरए कुरुवंशी, शिवकुमार बैनर्जी, संयुक्त कलेक्टर मनीष साहू सहित सभी राजस्व अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।
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