बिलासपुर – जिले में हालही के दिनों में 4 नाबालिग बच्चों ने आत्महत्या जैसी घटना को अंजाम दिया है, जिसमें 3 मामलों में तो परिजनों के द्वारा मोबाईल नही देने मात्र से आक्रमक होकर बच्चों ने फांसी लगा ली, वही अब एक पांचवा मामला भी सामने आया है, जिसमें परिजनों की डांट के बाद 13 साल के बच्चे ने फांसी लगा ली है।
मिली जानकारी के अनुसार चकरभाठा थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम बोड़सरा निवासी माखनलाल धृतलहरे के 13 वर्षीय बेटे सुरेंद्र कुमार धृतलहरे जो छठवीं कक्षा का छात्र था, उसने घर के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। जिसकी जानकारी होते ही पूरे परिवार सहित गांव में मातम छाया हुआ है। परिजनों के अनुसार घटना रविवार के दोपहर की है जब मृतक बालक छुट्टी होने की वजह से घर मे ही था और घर के सामने रखी ईट तोड़कर घुल उड़ा रहा था, जिसे उसकी माँ ने ऐसा नही करने की डांट लगाई, जिससे क्षुब्ध होकर वह कमरे में चला गया, फिर जब कुछ देर बाद उसकी माँ कमरे में गई तो उसके होश उड़ गए उनका बेटा कमरे में फांसी के फंदे पर झूल रहा था, रोते बिलखते उसने इसकी जानकारी परिजनों और आस पास के लोगों को दी, जिन्होंने इसकी सूचना चकरभाठा पुलिस को दी, मौके पर पहुँची पुलिस ने पंचनामा के बाद शव को पीएम के लिए भेज दिया, वही सोमवार को पीएम के बाद शव परिजनों को सौप दिया गया है।
परिजन जता रहे अफसोस…
ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार मृतक बच्चा सुरेंद्र चौथे नंबर का था परिवार में उसके 2 भाई और 3 बहने भी है, इस घटना से जहां पूरा परिवार सदमे में है वही परिजन डांटने को लेकर अफ़सोस जता रहे है, हालाकि की उनकी गलती नही है कोई भी बच्चा गलत चीजे न सीखे, बुरी आदतों से दूर रहे सभी परिजन यही चाहते है जो इसके लिए कभी कभी बच्चों को डांट फटकार भी लगाते है, जिसका मतलब यह नही की वह बच्चों से प्यार नही करते, बच्चों को यह समझाना होगा। स्कूल में, परिवार में, उन्हें इसका अहसास दिलाने की सख्त जरूरत है कि वह उनके परिवार और उनके लिए बहुत कीमती और अमूल्य है, ताकि बच्चे आक्रामक न हो और ऐसे गलत विचारों से दूर रहे।
Editor-in-Chief