(बिलासपुर) पुलिस का काम अपराधियों को पकड़ना होता है लेकिन कुछ पुलिसकर्मी पैसे के लिए अपना ईमान बेच देते है, जिससे अपराधी पैसे के दम पर खुलेआम गुंडगर्दी करते है,वही एक ताजे मामले में मस्तूरी पुलिस के ऊपर गंभीर आरोप लगे है। जिसमे पीड़िता ने मस्तूरी पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए है।
आपको बता दे ये पूरा मामला मस्तुरी थाना क्षेत्र का है जहा तीन दिन पहले रात करीब 1 बजे पुरानी रंजिश के चलते कुछ लोगो ने गौरीशंकर पटेल और परिवार के अन्य लोगों के ऊपर जानलेवा हमला किया था, जिसके बाद पीड़ित ने थाने में शिकायत की, जिस पर मस्तूरी पुलिस ने 294,323,506 की मामूली धाराओं के तहत अपराधदर्ज कर लिया था, वही इस मामले में पीड़ित का कहना है कि ये मामला 307 का बन रहा है, क्योंकि पीड़ित अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहा है, साथ ही आरोपियों के द्वारा मारपीट के दौरान लूटपाट भी की गई है।
इस पूरे मामले में मस्तूरी पुलिस की भूमिका संदिग्ध नज़र आ रही है, एक व्यक्ति के ऊपर जानलेवा हमला होता है और पुलिस खानापूर्ति कर मामले को दबा देती है। क्या इस मारपीट के मामले में पीड़िता के साथ न्याय करने के बजाय नोटो की गड्डियों ने पुलिस का ईमान डगमगा दिया है? अगर पीड़ित के ऊपर जानलेवा हमला हुआ है तो मस्तूरी पुलिस अपराधियों को बचाने का प्रयास क्यों किया? क्या मस्तूरी क्षेत्र में चंद पैसों के लिए अपराध को बढ़ावा दिया जा रहा है, ऐसे कई सवाल अब खड़े हो रहे है। बहरहाल प्रार्थी ने न्याय के लिए पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंच आवेदन दिया है वही अब देखना होगा की अपराधियो के ऊपर उचित कार्यवाही की मांग लिए एसपी कार्यालय पहुंची महिला को एसपी की चौखट से न्याय मिल पाता है या नही.
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