बिलासपुर / एक बार फिर जिले के राजस्व विभाग सुर्खियों में आ गया है। वैसे तो जिले के राजस्व विभाग के कुछ अधिकारी अपने ओहदे का फायदा उठाकर जमीन का बंदर बांट कर रहे है। वही एक ताजे मामले कोटा में राजस्व नियमों की अनदेखी कर धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज और फर्जी चौहद्दी तैयार कर जमीन की रजिस्ट्री करने की बात कही जा रही है। सूत्रों बताते है की तहसीलदार द्वारा भूमाफियाओं और जमीन दलालों को उपकृत करनें आर आई और पटवारियों पर बटांकन और नामांतरण के लिए दबाव डाला जा रहा है।
बताया जा रहा है की भूमाफियाओं ने न तो नगर पंचायत से एनओसी ली है और ना ही सीमांकन करवाया है साथ ही डायवर्सन भी नही कराया है, और बिना किसी डर के धड़ल्ले से राजस्व नियमों के की धज्जियां उड़ाते हुए अवैध प्लाटिंग कर रजिस्ट्री की जा रही है
बता दें उप पंजीयक द्वारा पंजीयन के पूर्व मौका मुआयना ही नहीं किया जाता वैसे लोगों का कहना है की इन दिनों राजस्व विभाग के भ्रष्ट अधिकारी कर्मचारी सिविल सेवा आचरण अधिनियम और भू राजस्व सहिंता को दरकिनार कर भूमाफिया के सामने नतमस्तक हैं।
भूमाफियाओं के साथ मिलकर राजस्व अफसरों द्वारा भू-राजस्व नियमों के साथ खिलवाड़ करते हुए फर्जी चौहद्दी, फर्जी नक्शा पेश कर धोखाधड़ी का खेल जोरो पर चल रहा है। जिससे वर्षों से अपनी जमीन पर काबिज भूस्वामी जमीन खोने के डर से इनका दिन का चैन और रात की नींद उड़ गई है। विभागीय सूत्रों से प्राप्त जानकारी में भूमाफिया अफसरों को या तो पार्टनर बना रहे है या फिर मोटी रकम देकर काम कर रहे है।कुछ ऐसे दस्तावेज जो साबित कर देंगे कि चंद रुपयों के लालच में अधिकारी अपने ही मातहतों पर नियम विरुद्ध काम करनें का दबाव बना रहे हैं। इस मामले में तहसीलदार प्रांजल मिश्रा और पटवारी अमित तिवारी ने मिली भगत करके फर्जी चौहद्दी तैयार जमीन का रजिस्ट्री के बाद ना केवल नामांतरण किया है बल्कि शीघ्र बटांकन के लिए सरकारी वाट्सअप ग्रुप में दबाव डाल, भूमाफियाओं को उपकृत करनें जैसा काम किया है।जिसकी शिकायत भी जिले के कलेक्टर के पास की गई है.
सूत्र तो यह भी बता रहे है की तहसीलदार प्रांजल मिश्रा ने बटांकन के लिए एक राजस्व कर्मचारी पर हद से ज्यादा दबाव डाला गया और कहा की हर हाल में बटांकन करके दो..और जब देखा की बात नहीं बन पा रही है तो उसकी शिकायत करवा दी खैर यह तो विभागीय मामला है, जहा पर आपसी खींचतान चलते रहती है. पर सवाल ये है की क्या तहसीलदार प्रांजल मिश्रा इस तरह से भूमाफियाओ के लिए अपने ही कर्मचारियों पर दबाव डालकर काम करवायेंगे?दरअसल शिकायत के अनेकों मामले सामने हैं फौती, नामांतरण,सीमांकन, डायवर्सन, नक्शा पास आदि। किंतु उपरोक्त शिकायत के आधार पर पहला मामला ग्राम कोटा प.ह.न. 33 स्थित भूमि खसरा नंबर 384/2 (शामिल 387/3) का है…..
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