बिलासपुर/ महिला बाल विकास विभाग जिसका गठन महिलाओं और बच्चों के विकास और उनके ऊपर होने वाले अत्याचार को रोकने के साथ ही न्याय करना है। पर बिलासपुर जिले में पदस्थ सदस्यों के ऊपर लगातार आरोप लगते आ रहे है, जिसे देखते हुए लगता है की बिलासपुर में न पीड़ित बच्चों को न्याय मिल पा रहा है और न ही महिलाओं को?वही बिलासपुर जिले के महिला बाल विकास विभाग की सदस्य रीता राजगीर और आरती सिंह के खिलाफ यहां पदस्थ कंप्यूटर ऑपरेटर ने उसे प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए सन 2022 में शिकायत की थी, पर अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई, जिससे ये समझा जा सकता है की, महिला बाल विकास विभाग में पदसत ये दो महिलाओं की ऊंची पहुंच है।? तभी तो आज भी रीता राजगीर और आरती सिंह का कोई बाल भी बांका नहीं कर पाया। पालकी वो जब चाहे किसी को भी निकलवाने की बात कहती है।
मानसिक प्रताड़ना का आरोप
महिला बाल विकास में पदस्थ कंप्यूटर ऑपरेटर ने शिकायत में लिखा है की उसे आरती सिंह और रीता राजगीर मानसिक प्रताड़ना दे रही है। उसके आत्म सम्मान को ठेस पहुंचाया जा रहा है पर एक साल बाद भी उनके पर कोई कार्यवाही नहीं हुई, बल्कि उल्टा अब कंप्यूटर ऑपरेट को नौकरी से निकालने कूटरचना का आरोप ऑपरेटर ने लगाया है,आरोप यह भी है की उसे कई दिनों से नौकरी से निकालने की धमकी दी जा रही थी, और पता चला है की ऑपरेटर के खिलाफ गलत शिकायत कर उसे हटाने की मांग की है। शिकायतकर्ता ने रीता राजगीर और आरती सिंह के ऊपर कई गंभीर आरोप लगाए पर शिकायत के बाद भी इस मामले में कोई भी गंभीर नजर नहीं आ रहा है।
क्या महिलाओं की किसी का नही है डर
सूत्र बताते है की महिला बाल विकास विभाग में पदस्थ आरती सिंह का पति कोई बड़ा नेता है जिसके चलते ही विभाग की सदस्य अपनी मन मर्जी चला रही है।वही वायरल ऑडियो महिला बाल विकास की सदस्य का बताया जा रहा है जिसमे वे ऑपरेटर की अवकात 500 रु है बोलते हुए कह रही है की दो तमाचा देंगे तो राई छाईं हो जाएगी, इतना ही नहीं,एक और ऑडियो में सुनाई दे रहा है की हम छोटे मोटे लोगों से नही डरती है,हम सिर्फ प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और वाइस चांसलर जैसे लोगों से डरते है। वही अब देखना होगा की महिला बाल विकास की सदस्यों से प्रताड़ित कंप्यूटर ऑपरेट को न्याय मिल पाता है या नही?
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