बिलासपुर/ जिले में पुलिस की छवि खराब होते जा रही है आए दिन पुलिस के ऊपर आरोप लगते आए है। वही अब बेल्हा थाना के आरक्षक के खिलाफ ग्रामीणों ने जंग छेड़ दी है। जिले के बिल्हा क्षेत्र के भैसबोड़ गाँव में रहने वाले बुज़ुर्ग भागीरथी गेंदले ने आरोप लगाया है कि बिल्हा थाने पुलिस की प्रताड़ना से तंग आकर उनके बड़े बेटे हरीश गेंदले ने ट्रेन से कटकर अपनी जान दे दी. मृतक हरीश गेंदले के परिवार वालों ने आरोप लगाया है कि बिल्हा पुलिस ने उनसे बीस हज़ार रूपए की रिश्वत की भी मांग की थी. मृतक के परिजन बिल्हा थाने में पदस्थ आरक्षक रूप चन्द्रा का बार बार ज़िक्र कर रहे हैं.
घटना बीते 28 नवम्बर की है. मृतक के पिता भागीरथी गेंदले ने बताया कि 28 नवम्बर की सुबह लगभग 11 बजे उनका बेटा हरीश अपनी मोटरसाइकल से घर से निकला इसी बीच स्कूल जा रही कुछ छात्रों की साइकल से टकराने से एक्सीडेंट हो गया. इस बात की शिकायत छात्रों ने बिल्हा थाने में की. थोड़ी ही देर में बिल्हा पुलिस हरीश गेंदले के घर पहुच गई. पिता भागीरथी ने बताया कि बिल्हा थाने का आरक्षक रूप चन्द्र उनके घर आया और उनके साथ गालीगलौच और मारपीट करने लगा. उन्होंने बताया कि पुलिस उन्हें मारते हुए थाने लाई. पिता को थाने ले जाने की जानकारी बेटे हरीश को मिली तो वो भी थाने पंहुचा. आरोप है कि थाने में भी पुलिस ने पिता पुत्र दोनों को लगभग चार घंटे तक जबरन बिठाए रखा, और अश्लील गालियाँ देते हुए मारपीट की. मृतक की माँ सुशीला गेंदले ने बताया कि आरक्षक रूप चन्द्रा ने पिता पुत्र को छोड़ने के लिए 20 हज़ार रूपए रिश्वत की मांग की और धमकी दी कि पैसे दोगे तब ही इन्हें छोडूंगा वर्ना जेल भेज दूंगा. पीड़ित पिता पुत्र पुलिस के सामने गिडगिडाते रहे कि साहब हम गरीब लोग है बीस हज़ार रूपए कहाँ से लाएंगे लेकिन आरक्षक का दिल नहीं पसीजा, पुलिस ने कहा तू चाहे कुछ भी कर लेकिन पैसा लेकर आ, परिजन का कहना है, पुलिस की इसी करतूत और लालच का नतीजा है कि हरीश गेंदले आज ज़िन्दा नहीं है.
अपने सामने ही पिता से गालीगलौच और मारपीट होते देख हरीश बेहद आहत हुआ उसने पुलिस से ऐसा न करने को कहा लेकिन पुलिस 20 हज़ार रूपए रिश्वत की मांग पर अड़ी रही. बेक़सूर पिता के अपमान का हरीश गेंदले पर इतना ज़्यादा बुरा प्रभाव पड़ा कि उसने पुलिस वालों के सामने ही ये बात कही कि अब मैं जिंदा नहीं रहना चाहता मैं ट्रेन से कटकर अपनी जान दे दूंगा. दोनों पिता पुत्र को शाम लगभग 6 बजे थाने से छोड़ा गया और रात तकरीबन 9 बजे पटरी पर दो टुकड़ों में हरीश की लाश मिली.
पीड़ित परिजन और अन्य गाँव वालों ने इस घटना पर विरोध जताते हुए आज बिल्हा थाने का घेराव कर दिया. ग्रामीणों ने बिलासपुर एसपी के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी करते हुए दोषी भ्रष्ट आरक्षक पर कार्रवाई करने की मांग की है. इस मामले में ग्रामीण एडिशनल राहुल देव शर्मा ने बताया कि आरक्षक चन्द्रा द्वारा बीस हज़ार रूपए रूपए मांगे जाने की शिकायत मिली है जिसकी जाँच की जाएगी.
पुलिस के द्वारा पीड़ितों को प्रताड़ित करने और उनसे ज़बरदस्ती अवैध रूप से पैसों की मांग करने की ये कोई पहली घटना नहीं है. बिलासपुर में पुलिस द्वारा जबरिया वसूली की बातें कईयों बार सामने आ चुकी है. वही ग्रामीणों के हंगामे के बाद एस एस पी पारुल माथुर ने आरक्षक रूप चंद्रा को निलंबित कर दिया है। पर क्या निलाबित करने से युवक जिंदा हो जाएगा? अगर ग्रामीणों का आरोप सही है तो यहां ये कहना गलत नही होगा की रिश्वत मांगने वाले आरक्षक के कारण ही युवक की जान गई है। जिसे देखते हुए आरक्षक के ऊपर आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का मामला दर्ज होना चाहिए।
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