बिलासपुर/ हाल ही में मस्तूरी से भाजपा विधायक डॉक्टर कृष्णमूर्ति बांधी द्वारा ग्राम बेलपान खपरी में पूरे गांव के गांव को भाजपा में शामिल कराने के बाद मस्तूरी कांग्रेस में हलचल मच गई थी जिसके बाद आनन-फानन में डैमेज कंट्रोल करने कांग्रेसी नेताओं ने बेलपान खपरी पहुंचकर कुछ ग्रामीणों से बीजेपी ना ज्वाइन करने और कांग्रेसी होने के पक्ष में बयान दिलाया था मगर बुधवार को मस्तूरी विधायक द्वारा जारी विधायक निधि से पुल निर्माण का भूमि पूजन करने पहुंचे।
विधायक प्रतिनिधि संतोष मिश्रा मस्तूरी मंडल के अध्यक्ष विजय अंचल , हरगोविंद माहेश्वरी के सामने ग्रामीणों ने पूरी कहानी बयान की,
ग्रामीणों ने बताया कि हमारे भाजपा प्रवेश करने के बाद दल बल के साथ कांग्रेसी नेता गांव में पहुंचे थे उनके द्वारा तरह-तरह का दबाव बनाकर कुछ लोगों से कहलवाया गया कि वह कांग्रेसी हैं ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि उनके द्वारा आकर कई वादे किए गए लेकिन एक भी पूरे नहीं हुए अपने वादे के अनुसार मस्तूरी विधायक डॉक्टर कृष्णमूर्ति बांधी ने आज पुल निर्माण का भूमि पूजन कर हम ग्रामीणों को बड़ी सौगात दी है ग्रामीणों ने इस कार्य के लिए मस्तूरी विधायक को धन्यवाद ज्ञापित कर और हमेशा भाजपा के साथ रहने का भरोसा दिलाया।
गोठान को लेकर सरकार को घेरा
बेलपान खपरी के ग्रामीणों ने भूमि पूजन कार्यक्रम में पहुंचे विधायक प्रतिनिधि संतोष मिश्रा मस्तूरी मंडल अध्यक्ष विजय अंचल के समक्ष अपना दर्द बयान किया उन्होंने दोनों नेताओं को गौठान ले जाकर वहां की हकीकत दिखाई और कहा की गोठान के नाम पर केवल भ्रष्टाचार हुआ है न गोठान में एक गाय है ना शेड है ना ही किसी प्रकार का टंकी निर्माण हुआ है ।
रोजगार गारंटी का नहीं हुआ भुगतान
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि काफी दिनों तक काम करने के बाद भी सरपंच द्वारा उन्हें रोजगार गारंटी का भुगतान नहीं किया गया इस बात की शिकायत उन्होंने क्षेत्रीय कांग्रेस नेताओं और संबंधित अधिकारियों से की है मामला लंबित है।
कांग्रेस से मिलता है हमेशा आश्वासन मगर काम नहीं
ग्रामीणों ने बताया कि जब जब कांग्रेस नेता गांव में आते हैं तो केवल ग्राम विकास की खोखली बात करते हैं उनके द्वारा विकास कार्यों को लेकर मद देने की बात कहीं जाती है लेकिन ना तो मद होता है ना ही कोई विकास कार्य गांव के लिए स्वीकृत कराया जाता है हमें भाजपा से जो आश्वासन मिला वह पूरा भी कर दिया गया । हम सभी ग्रामीण भाजपा के पक्ष में है और रहेंगे।
Editor-in-Chief