बिलासपुर – जिला बाल कल्याण समिति में 3 वर्षों के लिए 4 सदस्यों और 1 अध्यक्ष की नियुक्ति की जाती है, जिसमें बिलासपुर जिले की समिति का कार्यकाल समाप्त हुए 2 वर्ष बीत चुके है बावजूद इसके अब तक नई समिति के सदस्यों और अध्यक्ष की नियुक्ति नही की गई है। बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष असीम मुखर्जी है वही सदस्य डॉ आरती सिंह के खिलाफ राज्य बाल संरक्षण समिति को शिकायत भी की जा चुकी है,जिसके बाद उन्हें बर्खास्त कर दिया गया था, इसी तरह सदस्य रीता राजगीर,असीम मुखर्जी के खिलाफ भी महिला थाने में शिकायत दर्ज कराने की बात समाने आई है,, इसके बावजूद समिति को भंग नही किया गया है और न ही जांच की गई है। मिली जानकारी के अनुसार मामले में अतिरिक्त कलेक्टर से शिकायत की जांच कर रहे है,जबकि विभागीय जांच अपेक्षित है। जिससे साफ तौर पर समझा जा सकता है कि आपस में एक दूसरे के दुश्मन बन बैठे समिति के सदस्यों और अध्यक्ष के जिम्मे बाल कल्याण की कमान सौपना कितना हानिकारक होगा, फिर भी इन पर अब तक कोई कार्रवाई नही हो रही है, जो अपने पदों पर बैठें बाल कल्याण का दिखावा कर रहे है।
लगातार शिकायत फिर भी कार्यवाही नही
इससे पहले भी पीड़ित महिला ने बाल कल्याण समिति के रीता राजगीर, आरती सिंह और असीम कुमार मुखर्जी के ऊपर गंभीर आरोप लगाए थे, पर लगातार शिकायतों के बाद भी इन पर कार्यवाही नही होना समझ से पर है, वही एक और मामले में कंप्यूटर आपरेटर ने भी इन तीनो के ऊपर प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए लिखित शिकायत की थी, जिसके बाद रायपुर संचनालय से कलेक्टर को जांच कमेटी बनाक आगे की जांच करने आदेशित किया गया था, जिसके बाद कलेक्टर ने अतिरिक्त कलेक्टर क्रुवांसी ने नोटिस जारी कर 10 मार्च को बुलाया गया और ब्यान लिया गया। पर सोचने वाली बात है की लगातार शिकायतों के बाद भी अभी तक सिर्फ जांच चल रही है। वही विभाग की एक मैडम तो सीधे बोलती है की वो छोटे मोटे लोगों से नही डरती है वो तो सिर्फ प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से डरती है। कुल मिलाकर बाल कल्याण समिति में आपसी खींचतान के अलावा कुछ नही किया जा रहा है। फिर भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जाना एक बड़ा सवाल है।
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