बिलासपुर जिले के कोटा विकासखंड के कोरीपारा में आंगनबाड़ी केंद्र में टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा था। टीकाकरण 30 अगस्त को दोपहर 12 बजे किया गया और दो दिन के नवजात शिशु की मौत उसी दिन रात 7.30 बजे हो गई।
वहीं दो महीने के सारांश को भी इस बच्चे के साथ टीका लगा था, उसकी मौत 30 घंटे के बाद 31 अगस्त रात 8 बजे हुई थी बाकी 5 बच्चों को इलाज के लिए जिला अस्पताल रेफर किया था। जिसके बाद सियासत गरमा गई थी, कांग्रेसी नेताओ ने इस मामले में सरकार को घेरा था,
वही शनिवार को निजी कार्यकर्म में शामिल हो कर चाय पीने और खाना खाने बिलासपुर पहुंचे प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि बिलासपुर में टीका लगाने से दो बच्चों की मौत नहीं हुई है, क्योंकि उसी दिन छह और बच्चों को भी टीका लगाया गया था और उनकी स्थिति सामान्य है। इस मामले की जांच के लिए राज्य स्तरीय कमेटी बनी थी। जिन्होंने रिपोर्ट तैयार की है, रिपोर्ट अभी मैंने नहीं देखा है। लेकिन मौखिक चर्चा में अधिकारियों ने उन्हें बताया है।
दो नवजात बच्चों की मौत हो जाती है और मंत्री जी बिना जांच रिपोर्ट देखें अधिकारियों से मौखिक जानकारी लेकर मीडिया में बयान दे देते है। की टीके से बच्चों को मौत नही हुई हैं। इतने संवेदनशील मामले में बिना जांच रिपोर्ट देखे मीडिया में ऐसा बयान देना समझ से परे है। मंत्री जी को बिलासपुर आकर चाय पीने की फुरसत मिल गई पर जान गंवा बैठे दो नवजात बच्चों के परिजनों से मिलने का समय नहीं मिल पाया। की कोटा जाकर एक बार नवजात बच्चों। के परिजनों को सहानुभूति दे सके।
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