बिलासपुर/ एसीसीयू ये पुलिस विभाग की स्पेशल टीम होती है जो रेंज के महानिरीक्षक (आइजी) की देखरेख में सीधे पुलिस अधीक्षक (एसपी) के नियंत्रण में काम करती है.बता दें जिन जिलों में अपराध बढ़ रहे है वहा अपराध नियंत्रण के लिए सरकार ने स्पेशल टीम का गठन करने फैसला लिया था राजधानी रायपुर में दुर्ग और बिलासपुर में साइबर अपराध की संख्या में भी बढ़ोतरी हो रही थी जिसे देखते हुए एसीसीयू का गठन किया गाय।
जानिए क्यों किया गया एसीसीयू गठन
थानों में स्टाफ पर कई तरह के मामलों की विवेचना की जिम्मेदारी रहती है। मौजूदा व्यवस्था में थाने अपनी सीमा में ही कार्यवाही करते हैं, जबकि क्राइम ब्रांच के पास पूरे जिले में कार्यवाही करने का अधिकार होता है। उसका नेटवर्क भी पूरे जिले में रहता है। ऐसे में अपराधों के नियंत्रण में क्राइम ब्रांच ज्यादा कारगर साबित हो सकता है। इसी मकसद से स्पेशल टीम का गठन हुआ था।
एसीसीयू टीम पर लगे गंभीर आरोप
पर जिले में एसीसीयू की टीम पर गंभीर आरोप लग रहे है, एसीसीयू का काम अपराध रोकना है पर जब टीम के ऊपर ही मारपीट और पैसे मांगने के आरोप लगने लगे तो कई सवाल उठ रहे है। जानकारी के मुताबिक चकरभाठा के मोबाइल दुकान संचालक को सट्टा खिलाने के आरोप में पुलिस पकड़कर ले गई। जिसके बाद उसका बड़े भाई जब अपने भाई के बारे में जानकारी लेने गया तो एसीसीयू की टीम ने आरोपी के साथ उसकी भी जमकर पिटाई की और बिना मुलाहिजा कराए चकरभाठा थाने भेज दिया।
वही इस घटना की जानकारी मिलने पर चकरभाठा के व्यापारी आक्रोशित हो गए, हो थाना पहुंच देर रात तक थाना के बाहर हंगामा करते रहे। जिसके बाद पुलिस ने बाहर का गेट बंद कर दिया। इस पूरे मामले में घायल व्यापारियों के परिजनों ने आरोप लगाया है कि उन्हें भी मिलने नहीं दिया गया और न ही उनका पुलिस इलाज करा रही है। जिन्होंने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। बता दें चकरभाठा कैंप निवासी सूरज रोहरा राधिका मोबाइल का संचालक हैं। जय रोहरा उनका छोटा भाई है। शनिवार की शाम जय रोहरा व चकरभाठा के ही शंकर रमानी को पुलिस सट्टा खिलाने के आरोप में गिरफ्तार कर एसीसीयू थाना ले आई।
इस बात की जानकारी लेने सूरज एसीसीयू थाने पहुंचा और अपने भाई की गिरफ्तारी का विरोध किया तो एसीसीयू की टीम भड़क गई और सूरज के साथ जय की जमकर पिटाई शुरू कर की गई। दी। बताया जा रहा है की मारपीट करने के बाद दोनों भाइयों को चकरभाठा थाने भेज दिया गया। इसी बीच चकरभाठा के व्यापारी बड़ी संख्या में थाने पहुंचे और घायलों का मुलाहिजा व इलाज कराने तथा बेवजह पिटाई करने वाले पुलिसवालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते रहे। परिजनों के अनुसार एसीसीयू के जवानों ने दोनों भाईयों को इतना मारा है कि वे चलने चलने फिरने योग्य नहीं है।
पैसे मांगने का लगा आरोप
थाना पहुंचे व्यापारियों का कहना था कि एसीसीयू की टीम जय रोहरा को छोड़ने के एवज में 6 लाख रुपए की मांग की। बाद में एक लाख तक सेटलमेंट करने के लिए कहा पैसा देने से मना करने पर दोनों के साथ
मारपीट की गई है। अगर इन सब बातों में जरा भी सच्चाई है तो उच्च अधिकारियों को इसकी जांच करा चाहिए. वरना स्पेशल टीम अपने पॉवर का गलत स्तेमाल कर लोगों को प्रताड़ित करते रहेगी।
वर्दी पर लग रहा दाग
जिले में एसपी के आदेश पर नशे के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है साथ ही जुआ सट्टा खिलाने वालों को ऊपर भी लगातार कार्यवाही की जा रही है. पुलिस का काम अपराधियों को पकड़ना है लेकिन जिले की एसीसीयू की टीम पर पैसे की डिमांड और मारपीट के आरोप लगने से खाकी पर दाग लग रहे है। जिससे बिलासपुर पुलिस की छवि धूमिल हो रही है।
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