बिलासपुर/ जिले के सरकंडा थाना इलाके में हत्या का मामला समाने आया है जिसमे पुरानी रंजिश के चलते 3 लोगों ने मिलकर एक युवक को मौत के घाट उतार दिया, जानकारी के अनुसार ये हत्या की वारदात सुबह की बताई जा रही है।
बता दें सरकंडा क्षेत्र के ग्राम लगरा में करीब 8 से 10 साल पहले हुई हत्या का बदला लेने के लिए पड़ोसियों ने युवक पर टंगिया से वार कर मौत के घाट उतार दिया है। हत्या की घटना को अंजाम देने के बाद हत्यारे मौके से भाग निकले थे।इधर घटना की सूचना पर पहुंची सरकंडा पुलिस ने आसपास के लोगों से पूछताछ के बाद दो युवकों को हिरासत में ले लिया है। वहीं, एक आरोपित अब भी फरार बताया जा रहा है। पुलिस फरार आरोपित की तलाश में लगी हुई है।
जानकारी के मुताबिक ग्राम लगरा में रहने वाले छतराम केंवट रोजी-मजदूरी करता था। सोमवार की सुबह उनके पड़ोसी जितेंद्र केंवट, धर्मेंद्र केंवट और हेमंत केंवट ने उसे घेरकर टंगिया और लाठी से जान लेवा हमला कर दिया,अचानक हुए हमले से छतराम संभल नहीं पाया, सिर और गले में टंगिया के हमले से आई चोट के कारण उनकी मौके पर ही मौत हो गई है। घटना को अंजाम देने के बाद हमलावर मौके से फरार हो गए थे। इधर हत्या की सूचना पर पहुंची सरकंडा पुलिस ने गांव के लोगों से पूछताछ की, जिससे पता चला कि पड़ोस में ही रहने वाले धर्मेंद्र केंवट और उसके भाईयों से छतराम का विवाद चल रहा था। जिसके आधार पर पुलिस की टीम ने गांव में घेराबंदी कर हेमंत केंवट और धर्मेंद्र को पकड़ लिया है। इधर जितेंद्र पुलिस को चकमा देकर भागने में कामयाब हो गया है।पुलिस की टीम दोनों को लेकर थाने आ गई है। यहां आरोपितो से पूछताछ में पता चला कि छतराम और उसके पिता संतोष ने करीब 8 से 10 साल पहले धर्मेंद्र के पिता तिलकराम केंवट की हत्या कर दी थी। इस मामले में दोनों को पुलिस ने जेल भी भेजा था। करीब आठ साल जेल में रहने के बाद दोनों छूटकर बाहर आ गए। संतोष पूणे में रहकर रोजी मजदूरी करता है। छतराम गांव में ही रहकर रोजी-मजदूरी कर रहा था। अपने पिता की हत्या का बदला लेने के लिए उन्होंने छतराम की हत्या की की घटना को अंजाम दिया है। अब पुलिस तीसरे आरोपित की तलाश कर रही है।
मां को कहते थे टोनही.
आरोपित युवकों ने बताया कि छतराम और उसके परिवार के लोग पहले उनके पिता तिलक की हत्या कर दी थी।इसके बाद वे उनकी मां को टोनही कहकर प्रताड़ित करते थे। इसके कारण मोहल्ले वाले भी उनसे दूरी बानाने लगे थे। इसी बात को लेकर धर्मेंद्र और उसके भाईयों ने छतराम की हत्या करने की योजना बना ली थी। सोमवार को मौका मिलते ही उन्होंने छतराम को मौत के घाट उतार दिया है।
Editor-in-Chief