दिल्ली/दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में आयोजित सीरत कांफ्रेंस में पैगम्बर हजरत मोहम्मद (सललल्लाहु अलैहि वसल्लम) की सीरत-ए-तैय्यबा (जीवन-चरित्र) पर विचार-विमर्श किया गया। इस दौरान नबी पाक चरित्र के बारे वर्णन करते हुए कहा गया कि जिस सख्श की सीरत अल्लाह ही बयान करे उनकी सीरत इंसान क्या बयान करे जिस दौर में आज मुसलमान जीवन बिता रहे है उसकी सिर्फ 1 वजह है कि मुसलमान अपने नबी की सीरत से हट कर दुनिया के जंजाल में फंस गया है न किरदार नबी पाक का अपनाते न उनकी सुन्नत तो मुसलमान खुश कैसे रहेगा,आगे बोलते हुए अब्दुल हैदर ने लोगो को वर्तमान हालत से डरने या घबराने की जरूरत नहीं है बस अपने किरदार को ऐसा बनाओ कि जब दुनिया देखे तो कहने को मजबूर हो जाय की ये है नबी का उम्मति जो अपने नबी के रास्ते में चलता है
अब्दुल हैदर ने आगे बोला कि अपनी पूरी जिंदगी में नबी पाक ने कभी भी कही भी किसी इंसान के लिए बुरा नहीं सोचा जो नबी जब किसी का बुरा नहीं सोचे वो नबी किसी को क्या नुकसान पहुंचाएंगे
बस उनकी बात को मुसलमान अपना ले कामयाबी उनके कदमों होगी
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