बिलासपुर । दयालबंद मधुबन में भागवत कथा के चौथे दिन भगवान श्री कृष्ण के जन्म लेते ही कृष्ण अवतार में श्रद्धालु जमकर झूमे। भगवान श्री कृष्ण के जन्म अवतार की भव्य झांकी निकाली गई। गाजे-बाजे के साथ श्रद्धालु पुष्प वर्षा करते रहे। माता देवकी के आठवें पुत्र को कंस से बचाकर वासुदेव भगवान श्री कृष्ण को टोकरी में अपने सिर पर रखकर यमुना नदी पार कर गोकुल पहुंचे थे। सुप्रसिद्ध कथावाचक पंडित सूर्यकांत तिवारी ने आज की भागवत कथा में भारतीय संस्कृति की चर्चा करते हुए कहा कि सभी सनातनी गौ माता की सेवा करें । रोज माता-पिता को प्रणाम करना चाहिए । नित्य अपने गुरुदेव, सूर्य देव को प्रणाम करना चाहिए । हमारा इतिहास देवराज इंद्र ने लिखा था, भारत की धरती में ही भगवान के अवतार हुए हैं । संस्कृत भाषा पर चर्चा करते हुए कहा कि संस्कृत आज विश्व की सबसे समृद्ध भाषा है । भागवत कथा जीवन में जरूर सुने । सनातन धर्म की चर्चा करते हुए पंडित सूर्यकांत तिवारी ने कहा कि भारत देश में ही भगवान के अवतार हुए हैं। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को अपने जीवन में निष्ठावान बनना चाहिए। प्रत्येक व्यक्ति को अपनी सभ्यता का मान सम्मान रखना चाहिए। कभी आदमी को रम खुदैया नहीं बनना चाहिए। दोनों नाव मे कभी पैर नहीं रखना चाहिए । भक्तों में उपासना होती है कड़ी परीक्षा होती है । विपत्ति में और भी मजबूती से हरि भजन करना चाहिए । यज्ञ जैसा पवित्र कर्म दक्ष ने किया था । माता सती शिव के अपमान को सहन नहीं कर सके और यज्ञ में समा गई । सभी से कहा कि शास्त्रों का अध्ययन करना चाहिए पवित्रता का ध्यान रखना चाहिए और माताओ से कहा जीवन में भक्त संतानों को जन्म दीजिए। सुभाष चंद्र बोस, वीर शिवाजी ,चंद्रशेखर, लक्ष्मी बाई , सुभाष चंद्र बोस ,स्वामी विवेकानंद जैसे साहसी वीर दानी पुत्रों को जन्म देना चाहिए।पार्षद बंधु मौर्य के द्वारा अपने भाई अशोक मौर्य की स्मृति में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन अपने निवास मधुबन दयालबंद मैं किया जा रहा है । आज आज काफी संख्या में श्रद्धालु कथा सुनने पहुंचे, तथा आरती में शामिल हुए, जिसमें प्रमुख रुप से सुदामा देवी हरिप्रसाद मौर्य, बंधु मोर्य, सुशीला , रमाकांत प्रियंका मौर्य, श्रीकांत पूजा मोर्य, सुखदेव सुरेखा मोर्य ,अदिति रविकांत , मनोरमा सुमित मौर्य, सरदारी लाल कश्यप, राजकुमार अरविंद बोलर ,अरुण कश्यप, सीमा कश्यप अमित सोनम कश्यप, शारदा थवाईत, रवि मोहोड, रामेश्वर भोई , राम सचदेव, निक्कू सचदेव, वृंदा कश्यप आनंद तिवारी, छेदी कश्यप ,रमेश मौर्य, बलराम हरियाणवी ,के अलावा शहर के श्रद्धालु कथा सुनने पहुंचे थे। महा आरती के बाद भोग एवं प्रसाद का वितरण किया गया।
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