हिंदू धर्म के रक्षणार्थ अडिग रहे महात्मा ज्योतिबा फुले : डा. बांधी

बिलासपुर। 19वीं सदी के महान भारतीय विचारक और समाज सुधारक महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती पर भारतीय जनता पार्टी बिलासपुर द्वारा भाजपा कार्यालय में विचार गोष्टी का आयोजन कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किया।


इस अवसर पर मस्तूरी विधायक डॉ.कृष्णमूर्ति बांधी ने कहा कि महान समाज सुधारक विचारक समाज सेवी क्रांतिकारी कार्यकर्ता महात्मा ज्योतिबा फुले का जन्म महाराष्ट्र के पुणे में हुआ था। ज्योतिबा फुले जीवन भर भारतीय समाज की सेवा में जुटे रहे। उन्होंने वंचितों शोषितों व महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए अपना पूरा जीवन अर्पण कर दिया। 19वीं सदी के भारतीय समाज में जात-पात, बाल विवाह समेत कई कुरीतियां व्याप्त थीं। महिलाओं और दलितों की स्थिति देहन खराब थी। महात्मा फुले ने भारतीय समाज की इन कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाई। वह बाल-विवाह विरोधी और विधवा विवाह के समर्थक थे।
भाजपा जिलाध्यक्ष रामदेव कुमावत ने महान भारतीय विचारक और समाज सुधारक ज्योतिबा फुले की जयंती पर उन्हें नमन् करते हुए कहा कि ज्योतिबा फुले ने गरीबों, महिलाओं, दलितों एवं पिछड़े वर्ग के उत्थान तथा सामाजिक जड़ताओं व कुरीतियों को दूर करने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। उनका पूरा नाम ज्योतिराव गोविंदराव फुले था। उन्हें ज्योतिबा फुलेया महात्मा फुले के नाम से जाना जाता था। उनका परिवार कई पीढ़ी पहले सतारा से पुणे आकर फूलों के गजरे आदि बनाने का काम करने लगा था। माली के काम में लगे ये लोग फुले के नाम से जाने जाते थे। ज्योतिबा फुले का जीवन और उनके विचार व महान कार्य आज भी लोगों के प्रेरणा का स्त्रोत बने हुए है।
भाजपा जिला महामंत्री घनश्याम कौशिक ने ज्योतिबा फुले के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वह अपनी पत्नी सावित्री बाई फुले के साथ मिलकर महिलाओं को शिक्षा का अधिकार दिलाने के लिए लड़े, वह और उनकी पत्नी भारत में महिला शिक्षा के अग्रदूत थे। फुले महिलाओं को स्त्री-पुरूष भेदभाव से बचाना चाहते थे। इनके लिए स्त्रियों को शिक्षित करना बेहद आवश्यक था। उन्होंने अपनी पत्नी में पढ़ाई के प्रति दिलचस्पी देखकर उन्हें पढाने का मन बनाया और प्रोत्साहित किया।


पिछड़ा वर्ग मोर्चा के जिलाध्यक्ष कृष्ण कुमार कौशिक ने ज्योतिबा फुले को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि ज्योतिराव फुले ने दलितों और वंचितों को न्याय दिलाने के लिए सत्य शोधक समाज की स्थापना की थी, उनकी पत्नि सावित्री बाई ने पुणे में टीचर की ट्रेनिंग लेकर साल 1848 में पुणे में लड़कियों के लिए देश का पहला महिला स्कूल खोला। इस स्कूल में उनकी पत्नी सावित्री बाई पहली शिक्षिका बनी। सावित्री बाई फुले को ही भारत की पहली शिक्षिका होने का श्रेय जाता है। समाज सुधार के इन अथक प्रयासों के चलते 1888 में मुंबई की एक विशाल सभा में उन्हें महात्मा की उपाधि दी गई।
कार्यक्रम का संचालन पिछड़ा वर्ग मोर्चा के जिला महामंत्री शैलेन्द्र यादव ने किया व आभार पिछड़ा वर्ग मोर्चा के बिलासपुर उत्तर मंडल अध्यक्ष बबला श्रीवास ने किया। इस मौके पर भाजपा जिला मंत्री रामू साहू, अनु.जाति मोर्चा जिलाध्यक्ष चंद्रप्रकाश सूर्या, उमेश यादव, प्रदीप शुक्ला, पल्लव धर, जुगल अग्रवाल, विजय ताम्रकार, बी.वल्लभ राव, अमित तिवारी, रिंकू मित्रा, अजीत यादव, राजेन्द्र साहू, धर्मेन्द्र चंद्राकर, रोन्द्र साहू, संजय गुप्ता, संतोष यादव, दिनेश सिंह क्षत्री, अजय फ्रांसिस, विकास मिश्रा, रवि वर्मा, मुकेश रजक, मनोज कश्यप, लक्ष्मी कृष्णा रजक, देवेश सोनी, शंकर साहू, मनोज यादव, ओमप्रकाश, आशीष यादव, संध्या चौधरी, रजनी यादव, शोभा कश्यप, मीना विश्वकर्मा, कविता वर्मा, वंदना तिवारी, उमा मानिकपुरी, प्रभा तिवारी, सुनीता चौधरी, दीपशिखा यादव, रीना गोस्वामी, नीलम गुप्ता, सरिता कामडे, पूजा इंगोले, अर्चना मल्लेवार सहित भाजपा कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

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