बिलासपुर– पत्रकारिता देश का चौथा स्तंभ है पर अमजानता और निष्पक्ष पत्रकारिता करने वाले पत्रकारों की सुरक्षा एक बड़ी मांग थी, जिससे वे किसी डर के अपने कलम की ताकत दिखा सकें ऐसा कई बार होता है जब सच्चाई लिखने या किसी गलत काम का भंडाफोड़ करने पर पत्रकारों को धमकी मिलना आम बात हो चली थी, जिसे देखते हुए कई सालों से छत्तीसगढ़ में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने आवाज बुलंद की जा रही थी, वही कांग्रेस सरकार आने के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पत्रकार सुरक्षा कानून पारित कर दिया, जिससे प्रदेश भर के पत्रकारों में खुशी का माहौल है इसी कड़ी में बिलासपुर प्रेस क्लब की कार्यकारिणी गुरुवार को ‘छत्तीसगढ़ विधानसभा’ पहुंची, और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का “छत्तीसगढ़ मीडिया कर्मी सुरक्षा विधेयक- 2023” विधानसभा में पारित कराने के लिए आभार जताया। इस दौरान मुख्यमंत्री से बिलासपुर के पत्रकारों की आवास की मांग पर विस्तार से चर्चा हुई, साथ ही साप्ताहिक अखबारों के विज्ञापन दर बढ़ाने की मांग की। मुख्यमंत्री ने बिलासपुर प्रेस क्लब की मांग को जल्द पूरा करने का आश्वासन दिया है।
मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान उन्होंने “छत्तीसगढ़ मीडिया कर्मी सुरक्षा विधेयक- 2023″ की विशेषताएँ बताई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से चर्चा के दौरान बिलासपुर प्रेस क्लब के अध्यक्ष वीरेंद्र गहवई ने बिलासपुर के पत्रकारों का दर्द रखते हुए कहा, कि पत्रकारों को मिलने वाले सम्मान और प्रतिनिधित्व से बिलासपुर सम्भाग अछूता रहता है, जिसकी वजह से क्षेत्र के पत्रकार खुद को उपेक्षित महसूस करते हैं, ऐसा ना हो इसका ध्यान रखा जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री से मुलाकात करने पहुंचे बिलासपुर प्रेस के अध्यक्ष वीरेन्द्र गहवई, पूर्व अध्यक्ष तिलकराज सलूजा, उपाध्यक्ष विनीत चौहान, कोषाध्यक्ष जितेन्द्र ठाकुर, कार्यकारिणी सदस्य ऋतु साहू ने सीएम भूपेश बघेल से मुलाकात के बाद छत्तीसगढ़ विधानसभा की कार्रवाई भी देखी।
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