जल जीवन मिशन की आड़ में चल रहा कमीशन का खेल?…क्या विभाग के इस अधिकारी को चाहिए ज्यादा चढ़ावा,क्या सरकार बनते ही बढ़ गया कमीशन, पीएचई डिपार्टमेंट में खुलकर हो रही डिमांड?, ठेकेदार परेशान, अगली कड़ी में जल्द हो सकता ही बड़ा खुलासा,,

जल जीवन मिशन की आड़ में चल रहा कमीशन का खेल?…क्या विभाग के इस अधिकारी को चाहिए ज्यादा चढ़ावा,

बेमेतरा – सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिले में जल जीवन मिशन के तहत पीएचई डिपार्टमेंट में कमीशन बाजी अब अपने चरम पर पहुँच रही है, जानकारी के अनुसार जहाँ पहले ठेकेदारों से 3 से 4 प्रतिशत तक कमीशन की डिमांड होती थी वही अब नई सरकार बनते ही यह रकम सीधे 8 से 10 प्रतिशत तक पहुँच गया है। जो सीधे विभाग के ईई को चढ़ाया जाता ऐसा पता चला है। सूत्र तो यह भी बता रहे है की जो ठेकेदार इसके लिए सवाल करते है उन्हें सीधे शब्दों में यहाँ के ईई आर के धनंजय कहते है जब तक बढ़ा हुआ कमीशन चढ़ावे में नही चढ़ाया जाएगा तब तक उनका बिल पास नही होगा। हालात ऐसे हो चुके है कि सीधे ऊपर कमीशन पहुँचाने का हवाला देकर कमीशनखोरी की जा रही है। मिली जानकारी के अनुसार विभाग के पास पर्याप्त फंड है बावजूद ऊपर से दबाव होने का हवाला देकर बिल पास नही किया जा रहा और बढ़ा हुआ कमीशन पहुँचाने की मांग की जा रही है। बिल पास नही होने की वजह से ठेकेदार को काम करने में समस्या हो रही है यही वजह है कि केंद्र शासन की यह महत्वपूर्ण योजना बेमेतरा जिले में मंथर गति से आगे बढ़ रही है। पीएचई विभाग में चल रहे इस कमीशनखोरी से सभी ठेकेदार परेशान है जो अब भाजपा की नई सरकार आने के बाद और भी बढ़ा हुआ कमीशन देने को लेकर चिंतित है कि कैसे काम होगा। वही इस पूरे मामले में सबूत के साथ जल्द ही बड़ा खुलासा हो सकता है।

क्या प्रधानमंत्री की जल जीवन मिशन योजना चढ़ जाएगी भ्रष्ट अधिकारियों भेंट

बढ़ती जनसंख्या के साथ जल संकट भी बढ़ता जा रहा है और इसी समस्या को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2019 में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर एक शानदार योजना की शुरुआत की. इस योजना का नाम है- जल जीवन मिशन. केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत का कहना है कि देश में कई ऐसे इलाके हैं, जहां पानी की बूंद-बूंद के लिए तरसना पड़ता है तो कहीं पानी के लिए मीलों पैदल चलना पड़ता है. इन सारी दिक्कतों को दूर करना ही जल जीवन मिशन का उद्देश्य है. पर लगता है विभाग के अधिकारियों को कुछ और ही उद्देश्य है?

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