ये जिला बना सट्टे जुए का गढ़? खानापूर्ति के लिए छोटे फड़ पर कार्यवाही,बड़े सटोरी और जुआरियों को पुलिस का संरक्षण?

ये जिला बना सट्टा और जुए का गढ़? खानापूर्ति के लिए छोटे फड़ पर कार्यवाही बड़े सटोरी जुआरियों को पुलिस का संरक्षण ?

सट्टा जुआ के मुख्य सरगना?
1 : – पेण्ड्रा बाजारपारा निवासी प्रकाश केवट ,
2 : – गौरेला भट्टाटोला निवासी जिलाजीत ,
3 : – गौरेला भट्टाटोला निवासी कुंजीलाल ,

जीपीएम : – गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही को जिला बने तीन साल हो गए है एक तरफ जहाँ लोगो को उम्मीदे थी कि जिला विकास की ऊंचाइयों को छुएगा लेकिन सूत्रों की माने तो इसके विपरीत जिला सट्टेबाजों जुआरियों का गढ़ बन चुका है जहाँ खुलेआम पुलिस प्रशासन के नाक के नीचे रोजाना करोड़ो का सट्टा – पट्टी सहित जुए का बड़ा कारोबार पनप रहा है . ऐसा नही है इसकी जानकारी पुलिस विभाग के अधिकारियों को नही है जुए की नाल की मोटी रकम इन उच्चाधिकारियो की जेब तक पहुँचने की बात सामने आ रही शायद इसी लिए इन जुआरियो सटोरियों पर कार्यवाही नही की जा रही है. सूत्र बताते है की ये रकम लाखो में है तभी लगता है की पुलिस खुद इन सटोरियों पर कार्यवाही करने से घबराती है?. इन सटोरियों के हौसले इस कदर बुलंद है कि बीते दिनों एक आरक्षक पर एक सटोरी ने हमला कर दिया था . जिस पर मामूली अपराध पंजीबद्ध कर खानापूर्ति कर ली गई .

छोटे फड़ो पर कार्यवाही कर खानापूर्ति , बड़े जुआरियों , सटोरियों को संरक्षण?

जानकारी के अनुसार खुलेआम चल रहे जुए सट्टे पर अब पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़े होने लगा है वही पुलिस महकमे से अब यह बात गली चौक चौराहों की चर्चा का विषय बना हुआ है चूंकि पुलिस इन दिनों छोटे फड़ चलाने वालों पर कार्यवाही कर रही है लेकिन इन सट्टे जुए के सरगनाओं पर कोई कार्यवाही क्यों नही की जा रही है ये एक बड़ा सवाल है, सूत्र बताते है की जूए के सरगनाओं में शामिल पेण्ड्रा के बजारपारा निवासी प्रकाश केवट , गौरेला थाने के सामने भट्टाटोला निवासी जिलाजीत साथ ही भट्टाटोला निवासी कुंजीलाल मुख्य सरगना है इन पर कार्यवाही न होना पुलिस की कार्यवाही पर कई सवालिया निशान खड़ा करती है ।

अंतरराज्यीय सटोरियों को बेहतर सुविधाएं देता है प्रशासन : –

जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश की सीमा से लगे इस जिले में अन्य राज्यो जैसे शहडोल , करंजिया , अनूपपुर , मनेंद्रगढ़ , आमाडाँड़ से भी लोग जुआ सट्टा खेलने आते है सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जुआरियों के लिए जुआ सट्टा के खेलने के लिए जीपीएम जिला सबसे सेफ जिला है जानकारी मिल रही है की पेण्ड्रा थाने से 2 से 3 किलोमीटर की दूरी में खुलेआम प्रशासन की निगरानी में जुआ सट्टा चलता है और गौरेला थाने के सामने ही भट्टाटोला दशकों से जुआ चलता आ रहा है. इतना ही नही मरवाही के जंगलो के भी जुए का बहुत बड़ा कारोबार फल फूल रहा है . जिसकी पूरी सूचना पुलिस प्रशासन को है मगर सैया भये कोतवाल तो डर काहे का?

आदिवासी अंचल के युवाओं का भविष्य सट्टा जुआ में हो रहा बर्बाद : –

आदिवासी अंचल इस जिले में जिस तरह से जुए सट्टे का कारोबार चल रहा है इसमें युवाओं का भविष्य अंधकार में जा रहा है यह युवा सट्टे जुए की लत में इस कदर चूर हो चुके है कि यह अब जुए के लिए चोरी जैसी घटनाओं को भी अंजाम देने लगे है यह जुए सट्टे का करोबार अगर बन्द नही हुआ तो यह बेरोजगार हो रही युवा पीढ़ी निश्चित ही किसी बड़े अपराधों में शामिल होगी और अपना वर्तमान समेत भविष्य भी गर्त में डाल देगी मगर पुलिस प्रशासन को इससे क्या पुलिस को भर भर के मोटी कमाई हो रही है तो पुलिस आखिर कार्यवाही क्यो करेगी .

जीपीएम जिले के पुलिस अधिकारी समेत टीआई आरक्षक की कॉल डिटेल से होगा बड़ा खुलासा?

सूत्रों के अनुसार पुलिस विभाग में बैठे उच्चाधिकारी , टीआई , आरक्षको के मोबाईल की कॉल डिटेल अगर निकाली जाए तो यह बात स्पष्ट होगी कि इन पुलिस महकमे के लोगो की सबसे ज्यादा बात इन सटोरियों जुआरियों से ही होती है जो समय समय पर अपनी जरूरतों के लिए इन जुआरियों सटोरियों पर आश्रित है चूंकि शासन की तनख्वाह से इन अधिकारियों का पेट नही भरता तब तो इन जुए सट्टे खिलाने वाले इनका घर भर रहे है . अब जिसका नमक खाएं उसके साथ बेईमानी नही होती इसलिए खुद पुलिस इन सटोरियों को संरक्षण दे रही है .

अब सवाल यह उठता है कि पुलिस प्रशासन जिसका काम कानून न्याय व्यवस्था संभालना है जब वही इन सटोरियों जुआरियों को संरक्षण प्रदान करने लगेगा तो आखिर आमजन का पुलिस प्रशासन पर कैसे भरोषा कायम हो पायेगा . यह पुलिस महकमे के लिए भी सोचनीय विषय की आखिर यह जुआरी सटोरियों को संरक्षण देने का ही कारण था कि एक पुलिस आरक्षक पर सटोरी जुआरी हमला करते है और पुलिस मामले की लीपापोती में लग जाती है आखिर इसकी परिणीति यही होगी की पुलिस से ज्यादा लंबे हाथ इन जुआरियों सटोरियों के हो जायेगे जो कभी भी पुलिस के गिरेबान तक पहुँच जायेगे .

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