रायपुर/पहले भी महिला एवं बाल विकास विभाग रायपुर के ऊपर कई गंभीर आरोप लग चुके हैं इसके बावजूद प्रदेश की सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है, विभाग के अधिकारी अपने हिसाब से महिला बाल विकास का संचालन कर रहे हैं? जब मर्जी आए किसी को संविदा में नौकरी दे दिए और अगर सामने वाला उनके इशारे पर नहीं चला तो उसे निकाल दिए, हां पर जो उन्हें अच्छी कमाई करके देगा वही महिला बाल विकास में काम कर सकता है ऐसा हमे पता चला है, क्या एक अधिकारी नियमों को ताक में रखकर काम कर सकता है एक बड़ा सवाल है.
आपको बता दें महिला बाल विकास विभाग द्वारा संचालित बाल कल्याण समिति जो कि माना कैम्प में संचालित है जहां पदस्थ कम्प्यूटर ऑपरेटर गोपाल प्रसाद ढिंमर वर्ष 2016 से महिला एवं बाल विकास विभाग रायपुर में संविदा पर कार्य कर रहा है। गोपाल प्रसाद ढिंमर द्वारा बाल कल्याण समिति के नोडल अधिकारी संजय कुमार निराला जो कि विभाग में संरक्षण अधिकारी के पद पर संविदा में पदस्थ है, के साथ साठगांठ कर सिंचाई विभाग तिल्दा में भी वर्ष 2019 से कम्प्यूटर ऑपरेटर के पद पर कलेक्टर दर पर काम कर रहा है ओर दोनों विभागों से तीन वर्षों से वेतन भी प्राप्त कर रहा है। नोडल अधिकारी संजय निराला के साथ मिलकर दोनों ने यह बात महिला एवं बाल विकास विभाग रायपुर तथा सिंचाई विभाग तिल्दा से छिपाये रखी।
महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा संजय निराला को बाल कल्याण समिति का नोडल अधिकारी बनाया गया है ताकि बाल कल्याण समिति में सभी कार्य सुचारू रूप से एवं नियमानुसार संचालित होते रहे । परंतु नोडल अधिकारी संजय निराला द्वारा कम्प्यूटर ऑपरेटर गोपाल प्रसाद ढिंमर का विगत तीन वर्षों से हर महीने का वेतन पत्रक बनाकर एवं स्वयं सत्यापित कर अपने ही विभाग को भेजा रहा है और गोपाल प्रसाद ढिंमर महिला बाल विकास रायपुर और सिंचाई विभाग तिल्दा दोनों विभागों में काम करने का वेतन भी प्राप्त कर रहा है।
यहाँ पर बाल कल्याण समिति रायपुर के नोडल अधिकारी संजय कुमार निराला की भूमिका स्पष्ट रूप से संदिग्ध प्रतीत हो रही है। क्योकि संजय कुमार निराला को कम्प्यूटर ऑपरेटर गोपाल प्रसाद ढिंमर द्वारा सिंचाई विभाग में भी काम करने एवं उक्त कम्प्यूटर ऑपरेटर पर दो विभागों में कार्य करने पर उचित कार्यवाही किये जाने हेतु अपने विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी को बताया जाना था। परंतु नोडल अधिकारी द्वारा अपने अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए उक्त कम्प्यूटर ऑपरेटर का अन्य विभाग में काम करने की बात को अपने ही विभाग से छिपाया गया और तीन वर्षो से हर महीने उसका वेतन पत्रक सत्यापित करके अपने ही विभाग को देता रहा । संजय निराला द्वारा दो जगह कार्य करने की बात को छिपाने के लिए कम्प्यूटर ऑपरेटर से हर महीने के वेतन में से आधा वेतन स्वयं लिया जाता है।
इस मामले में पूरे बाल कल्याण समिति रायपुर की भूमिका भी संदेहास्पद नजर आ रही है क्योंकि गोपाल प्रसाद ढिंमर कम्प्यूटर ऑपरेटर की नियुक्ति बाल कल्याण समिति रायपुर के लिए ही विभाग द्वारा की गई है। लेकिन जब कम्प्यूटर ऑपरेटर अपने काम पर तीन वर्षों से नही आ रहा है और दूसरे विभाग में भी काम कर रहा है तो बाल कल्याण समिति रायपुर के अध्यक्ष ओर चारो सदस्यों की यह जिम्मेदारी थी कि वह अपने विभाग में हो रही इस धोखाधड़ी के कृत्य की जानकारी अपने विभाग को देते । परंतु बाल कल्याण समिति द्वारा इस कृत्य को छिपाये जाना भी एक प्रश्न खड़ा करता है।
और तो और महिला एवं बाल विकास रायपुर की तत्कालीन प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी शैल ठाकुर ने कम्प्यूटर ऑपरेटर गोपाल प्रसाद ढिंमर की संविदा सेवा भी मार्च 2023 तक के लिए आगे बढ़ा दी है। महिला एवं बाल विकास विभाग की महिला अधिकारी द्वारा सेवा वृद्धि के आदेश पत्र दिनांक 19.10.2022 में कलेक्टर रायपुर का हस्ताक्षर कर आदेश जारी कराया गया है। इससे यह स्पष्ट होता है कि प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी रायपुर द्वारा कलेक्टर रायपुर से भी तत्थों को छिपा कर पत्रो पर हस्ताक्षर कराया गया है और राजधानी रायपुर के कलेक्टर द्वारा भी पत्रो में हस्ताक्षर कर के जिले की जनता का विश्वास के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
महिला एवं बाल विकास विभाग के एक संविदा अधिकारी द्वारा राजधानी जैसे शहर में अपने उच्च अधिकारियों की नाक के नीचे अपने अधिकारों का दुरुपयोग कर इतने बड़े भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा रहा है और विभाग की मंत्री एवं सचिव, संचालक एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी जैसे उच्च अधिकारियों द्वारा इस मामले में कोई कार्यवाही ना करना तथा चुप्पी साध लेना भी संदेह प्रकट कर रहा है।
अब देखना यह है कि क्या महिला एवं बाल विकास विभाग अपने नोडल अधिकारी संजय कुमार निराला, कम्प्यूटर ऑपरेटर गोपाल प्रसाद ढिंमर जो कि एकसाथ दो विभागों में काम कर रहा है के लिए धोखाधड़ी और 420 का केस दर्ज करता है या इस केस को दबाने का।
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